ICICI की CEO चंदा कोचर ने कहा – भारत में वित्तीय बचत में आया उछाल, GST और नोटबंदी पर कही यह बात…

दावोस : आईसीआईसीआई बैंक की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा है कि भारत में वित्तीय बचत में काफी तेजी देखी जा रही है. पिछले 18 महीने में यह करीब 28 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है, जो थाईलैंड जैसे देश के पूरे सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है. विश्व आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2018 5:43 PM

दावोस : आईसीआईसीआई बैंक की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा है कि भारत में वित्तीय बचत में काफी तेजी देखी जा रही है. पिछले 18 महीने में यह करीब 28 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है, जो थाईलैंड जैसे देश के पूरे सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है.

विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में यहां भाग लेने आयी कोचर ने कहा कि वित्तीय बचत में निवेश में नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद से काफी तेजी आयी है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का औपचारीकरण और बैंकिंग लेन-देन का डिजिटलीकरण नोटबंदी के सबसे मुख्य फायदों में है.

कोचर ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा देश में हुए अन्य सुधारों के बाबत कहा कि सरकार ने कई संरचनात्मक सुधार किये हैं जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है.

उन्होंने कहा, सरकार एक उत्कृष्ट नीतिगत ढांचा, समुचित वित्तीय प्रबंधन, मौद्रिक नीति ढांचे को मजबूत बनाने, महंगाई के जोखिम को कम करने, कारोबार सुगमता बढ़ाने और डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाये जाने पर जोर दे रही है.

उन्होंने कहा, जीएसटी और नोटबंदी जैसी मुहिमों ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने तथा बचत के वित्तीयकरण को तेज किया है. इन बदलावों से प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने वाले कदम पर जोर देते रहेगी.

उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी का दूसरा बड़ा असर बैंकिंग लेन-देन के डिजिटलीकरण में तेजी है. नोटबंदी के दौरान नवंबर 2016 में मासिक यूपीआई लेन-देन 10 लाख रहे थे जो दिसंबर 2017 में बढ़ कर 14.5 करोड़ पर पहुंच गया.

मोबाइल बैंकिंग लेन-देन भी लगभग दोगुना होकर अक्तूबर 2017 में करीब 15 करोड़ पर पहुंच गया. कोचर ने कहा कि इसी तरह नोटबंदी के बाद डेबिट कार्ड लेन-देन भी लगभग दोगुना हुआ है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version