नयी दिल्ली : भारत समेत पूरी दुनिया में तेजी से अपना पैर पसार रही आभासी मुद्रा बिटक्वाइन से लेन-देन करने वालों की अब खैर नहीं है. इस आभासी मुद्रा की लोकप्रियता को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाने की ठान ली है. सरकार ने इस मुद्रा को लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) को ऑडिटिंग रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है. इसके साथ ही माना यह भी जा रहा है कि सरकार इसे वित्तीय लेन-देन में शामिल करने पर भी विचार कर रही है.
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आईसीएआई के डिजिटल अकाउंटिंग और एश्यारेंस स्टैंडर्ड बोर्ड के सदस्य देबाशीस मित्रा ने इसकी जानकारी दी. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने बताया कि आईसीएआई ने एक पैनल गठित कर दिया है और संभवत: यह 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.
मित्रा ने बताया कि ऑडिटिंग के दौरान यह देखा जायेगा कि आखिर इस करंसी को कैसे फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दिखाया जाये. उनके मुताबिक, भारतीय कंपनियों की तरफ से बिटक्वाइन में किये जा रहे लेन-देन का डाटा मौजूदा समय में न के बराबर मौजूद है. ऐसे में ऑडिटिंग के दौरान यह देखा जायेगा कि कैसे बिटक्वॉइन में लेन-देन को उनके वित्तीय लेन-देन में शामिल किया जाये.
मित्रा सीआईआई द्वारा आयोजित कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड कंपनीज एमेंडमेंट बिल, 2017 पर आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि कॉरपोरेट मंत्रालय बिटक्वॉइन को लेकर कारोबारियों व अन्य लोगों के विचार व सुझाव लेने के लिए तैयार है.
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