अरुण जेटली ने दिये जीएसटी दरों में बदलाव के संकेत, यह है तर्क…

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा​ है कि माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली बहुत ही छोटे समय में स्थिर हो गयी है जिससे इसके आधार के विस्तार तथा भविष्य में दरों को और युक्तिसंगत बनाये जाने की गुंजाइश बनी है. यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2018 4:40 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा​ है कि माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली बहुत ही छोटे समय में स्थिर हो गयी है जिससे इसके आधार के विस्तार तथा भविष्य में दरों को और युक्तिसंगत बनाये जाने की गुंजाइश बनी है.

यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल चूल बदलाव आया है. वित्त मंत्री ने कहा कहा कि कई दूसरे देशों की तुलना में भारत में जीएसटी प्रणाली बहुत ही कम समय में ही स्थिर हो गयी है.

अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने कहा, इससे हमारे पास मौका है कि हम आने वाले समय में इसके (जीएसटी) आधार को बढ़ायें तथा ढांचे को और अधिक युक्तिसंगत बनायें.

इस समय जीएसटी प्रणाली में कर की चार स्तर की करें लागू हैं. ये दरें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत की हैं. सरकार ने नवंबर की बैठक में जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत की उच्चतम सीमा के तहत केवल अहितकर और विलासिता की चीजों को ही रखने का निर्णय लिया.

उसी बैठक में 200 से अधिक प्रकार की वस्तुओं पर कर की दरें कम कर दी गयीं. इनमें 178 प्रकार की वस्तुओं को उच्चतम कर श्रेणी से निकाल कर 18 प्रतिशत और 13 प्रकार की वस्तुओं को 18 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत के दायरे में ला दिया था.

इसके अलावा कुछ चीजें 12 प्रतिशत की जगह पांच प्रतिशत और छह चीजें 18 की जगह 5 प्रतिशत के दायरे में लायी गयीं. इसके पश्चात नवंबर में जीएसटी की वसूली गिर कर 80,808 करोड़ रुपये पर आ गयी. लेकिन दिसंबर में वसूली बढ़ कर 86,703 करोड़ रुपये रही. अक्तूतर में वसूली 83,000 करोड़ रुपये तथा सितंबर में वसूली 92,150 करोड़ रुपये थी.

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