नयी दिल्ली : लाखों लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए सरकार बजट में होम लोन की शर्तों में ढील देकर हाउसिंग सेक्टर को राहत दे सकती है. बिल्डरों के सबसे बड़े संगठन नारेडको ने भी उम्मीद जतायी है कि सरकार रियल एस्टेट पर जीएसटी को और अधिक तर्कसंगत करेगी. सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. आवास एवं जमीन जायदाद से जुड़े संगठनों ने सरकार से टैक्स में सहूलियत और सस्ता कर्ज के सुझाव दिये हैं.
रीयल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम-2016 के प्रावधानों को लागू किये जाने और नोटबंदी के प्रभावों से अब भी निकलने के लिए संघर्ष कर रहे इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले बजट में किफायती दर के मकानों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया था. इसके अलावा जेटली ने मध्य आय वर्ग के मकानों पर ब्याज सहायता की घोषणा की थी. इंडस्ट्री बिक्री और कीमतों में नरमी का सामना कर रहा है. चुनावों से पूर्व सरकार का आखिरी बजट है.
इलेक्ट्रिक वाहनों को मिल सकता है बजट में प्रोत्साहन
सरकार बिजली वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रोत्साहन दे सकती है. सूत्रों ने बताया कि यह प्रोत्साहन जीएसटी घटा कर और कर में रियायत का लाभ खरीदारों तक पहुंचा कर किया जा सकता है. सरकार ने वर्ष 2030 तक देश में सार्वजनिक यातायात में पूरी तरह और निजी कारों के मामले में 40 प्रतिशत वाहन बिजली चालित करने का लक्ष्य रखा है. कर छूट की घोषणा जेटली कर सकते हैं, क्योंकि अब तक कुछ किया नहीं गया है.
कमाई के आंकड़े शेयर बाजार के लिए अहम
विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार के निवेशक आम बजट का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे भविष्य की योजना तय कर सकें. उनकी नजर एचडीएफसी और आइसीआइसीआइ बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के कमाई के आंकड़ों पर भी होगी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए गुरुवार को आनेवाले पीएमआइ आंकड़े भी शेयर बाजारों में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे.
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