अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वे, बढ़ेगी जीडीपी ग्रोथ, निर्यात से इकोनॉमी को देंगे रफ्तार
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया. इस आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2018-2019 में जीडीपी ग्रोथ 7 से 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया गया है. आर्थिक सर्वे में यह भी संकेत है कि सरकार इस बजट में रोजगार सृजन, ग्रामीण, कृषि सेक्टर, शिक्षा पर फोकस […]
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया. इस आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2018-2019 में जीडीपी ग्रोथ 7 से 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया गया है. आर्थिक सर्वे में यह भी संकेत है कि सरकार इस बजट में रोजगार सृजन, ग्रामीण, कृषि सेक्टर, शिक्षा पर फोकस करेगी.सरकार निर्यात के जरिये आर्थव्यवस्थामें तेजी लाना चाहती है. आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार ने बीते साल सुधार के लिए कई अहम कदम उठाये हैं, जिससे जीडीपी ग्रोथ बढ़कर सात से साढ़े सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. जारी वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.75 रहने का अनुमान पेश किया गया है. अगले साल बेहतर अर्थव्यवस्था का अनुमान पेश किया गया है. हालांकि आर्थिक सर्वे में कच्चे तेल की कीमतो को लेकर सरकारनेचिंता जतायी है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार ने बीते साल सुधार के लिए कई अहम कदम उठाये हैं, जिससे जीडीपी ग्रोथ बढ़कर सात से साढ़े सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. जारी वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.75 रहने का अनुमान पेश किया गया है. अगले साल बेहतर अर्थव्यवस्था का अनुमान पेश किया गया है.
आर्थिक सर्वे से यह बात भी उभर कर सामने आयी है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमत सरकार के लिए चिंता की वजह बनी हुई है. सरकार बेहतर एक्सपोर्ट के जरिये सरकार इकोनॉमी में ग्रोथ लाना चाहती है.
वित्त वर्ष 2019 में वित्तीय घाटा के लक्ष्य में मामूली वृद्धि की संभावना है. साल 2019 में वित्तीय घाटा का लक्ष्य तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है.
सरकार को जीएसटी कलेक्शन में सुधार की उम्मीद है. जीवीए (ग्रास वैल्यू एडेड) ग्रोथ 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
आर्थिक सर्वे में इंडस्ट्री ग्रोथ 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया गया है, जबकि कृषि सेक्टर में ग्रोथ 2.1 रहने का अनुमान पेश किया गया है. सर्विस सेक्टर में ग्रोथ 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया गया है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि इकोनॉमी में फिर से तेजी लाने के लिए सेविंग बढ़ाने से अधिक अहम इनवेस्टमेंट बढ़ाना है. सर्वे में कहा गया है कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन राज्यों व स्थानीय सरकारों का दूसरे संघीय ढांचे वाले देशों की तुलना में कम रहा है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में रजिस्टर्ड होने वालों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है. इनडायरेक्ट टैक्स में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार तेजी से बढ़ रहा है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत में छोटे कृषि जोत हैं. इसे समेकित करने की जरूरत है. कृषि क्षेत्र के लिए रेंटल मॉडल पर कृषि मशीनरी उपलब्ध करवाने को संस्थागत स्वरूप देने की जरूरत बतायी गयी है.
सर्वेमेंकहा गया है कि सरकारकी बेटी बचाओ, बेटीपढाओ औरसुकन्या समृद्धि योजना और मातृत्व अवकाशकेलिए उठाये गये कदम सही दिशा मेंहैं.
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