वित्त मंत्रीअरुण जेटली ने केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 2017-18 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को संसद में पेश किया.
इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण की सबसे खास बात यह रही कि इसे पिंककलर (गुलाबी रंग) में पेश किया गया है. इससे पहले कि आप यह सोचकर माथापच्ची करें कि सरकार ने यह रंग क्यों चुना, हम आपको इसकी वजह बता देते हैं.
दरअसल, सरकारका यह आर्थिक सर्वे महिला सशक्तीकरणऔर लैंगिक समानता पर केंद्रित है.इस सर्वे के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्यों ने लैंगिक समानता केक्षेत्र में बेहतरीन काम किया है, जो पूरे देश के लिए एक मॉडल हो सकता है. सर्वे में लैंगिक समानता को बहुआयामी मुद्दा बताया गया है.
सर्वे में लैंगिक भेदभाव की बात जिन आयामों पर की गयीहै, उनमें महिला/पत्नी के प्रति हिंसा, बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या, प्रजनन, खुद पर और परिवार पर खर्च करने का फैसला लेने की क्षमता, आखिरी बच्चे के जन्म के आधार पर बेटा या बेटी को महत्व, महिलाओं के रोजगार, परिवार नियोजन के फैसले, शिक्षा का स्तर, शादी की आयु, पहले बच्चे के जन्म केसमयमहिलाकी उम्र आदि बातें शामिल हैं. इन संकेतकों के जरिये समाज में महिलाओं के सशक्तीकरण की पड़ताल की गयी है.
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