नयी दिल्ली : नागर विमानन मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 6,602.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसमें एक बड़ा हिस्सा वीवीआईपी उड़ानों के लिए उपयोग होने वाले दो नये विमानों की खरीद के लिए है. यह आवंटन चालू वित्त वर्ष में मंत्रालय को आवंटित की गयी राशि का तीन गुना अधिक है. चालू वित्त वर्ष के लिये मंत्रालय को 2,710.31 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे.
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गुरुवार को पेश किये गये केंद्रीय बजट 2018-19 में नागर विमानन मंत्रालय के लिए 6,602.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. बजट दस्तावेज के अनुसार, कुल राशि में 4,469.50 करोड़ रुपये दो नये विमानों की खरीद के लिए होंगे. दो नये विमान (बोइंग 777-300 ईआर) का इस्तेमाल वीवीआईपी उड़ानों के परिचालन के लिए होगा. इसके अतिरिक्त, अगले वित्त वर्ष के लिए उड़ान या क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के लिए 1,014.09 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जबकि चालू वित्त वर्ष में इस मद में 200.11 करोड़ आवंटित किये गये थे.
कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया को 2018-19 में पुनरुद्धार योजना के तहत 650 करोड़ रुपये का बजटीय सहयोग प्राप्त हुआ है. चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 1,800 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. दस्तावेज के मुताबिक, एयर इंडिया को आईईबीआर (आंतरिक और अतिरिक्त बजटीय संसोधन) के माध्यम से अगले वित्त वर्ष में 506 करोड़ रुपये मिलेंगे. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के मामले में बजटीय आवंटन 2017-18 में 149.93 करोड़ रुपये से घटाकर 2018-19 में 73.31 कर दिया गया है.
एएआई आईईबीआर के माध्यम से 4,086 करोड़ रुपये जुटायेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा कि भारत के लिए अगली पीढ़ी के हवाई अड्डे (एनएबीएच) निर्माण पहल के तहत हमारा उद्देश्य अपने हवाई अड्डों की क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर एक साल में एक अरब यात्रा लायक बनाने की है.
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