Gender inequality दूर करने के लिए बजट में सरकार का बड़ा कदम, पढ़ें…
नयी दिल्ली : लैंगिक असमानता दूर करने की दिशा में सरकार ने अगले वित्त वर्ष में महिला केंद्रित कार्यक्रमों के आवंटन में चार फीसदी बढ़ोतरी करते हुए 1,21,961.32 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है. बजटीय दस्तावेज के मुताबिक, 2017-18 के लिए ऐसे कार्यक्रमों के संशोधित बजट अनुमानों को 1,17,221.47 करोड़ रूपये कर दिया गया था. […]
नयी दिल्ली : लैंगिक असमानता दूर करने की दिशा में सरकार ने अगले वित्त वर्ष में महिला केंद्रित कार्यक्रमों के आवंटन में चार फीसदी बढ़ोतरी करते हुए 1,21,961.32 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है. बजटीय दस्तावेज के मुताबिक, 2017-18 के लिए ऐसे कार्यक्रमों के संशोधित बजट अनुमानों को 1,17,221.47 करोड़ रूपये कर दिया गया था. सरकार के महत्वपूर्ण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत इस वित्तीय वर्ष के लिए 186.04 करोड़ रूपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 2018-19 में प्रस्तावित आवंटन को बढ़ाकर 280 करोड़ रूपये किया गया है.
इसे भी पढ़ेंः बजट से ठगा महसूस कर रहा है मिडिल क्लास
हालांकि, 2018-19 में मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लिए 2400 करोड़ रूपये निर्धारित किये गये हैं, जो कि 2017-18 में 2,594.55 करोड़ रूपये के संशोधित अनुमानों से कम है. महिलाओं की सुरक्षा (निर्भया कोष) के लिए कार्यक्रम का आवंटन बढ़ाकर 19.75 करोड़ रूपये किया गया है. वर्ष 2017-18 के संशोधित अनुमान में 11.20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था.
इसके अलावा, महिला हेल्पलाइन के लिए आवंटन को 2017-18 के 10 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 28.8 करोड़ रुपये किया गया है. वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय महिला आयोग के लिए 24 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष में आवंटित 25.60 करोड़ रूपये से कम है.
सरकार की आेर से तस्करी रोकने की दिशा में उज्जवला कार्यक्रम के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित अनुमान में 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. बालिकाओं के लिए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए जेटली ने कहा कि 2015 में शुरू सुकन्या समृद्धि खाता कार्यक्रम को बड़ी सफलता मिली है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.