UIADI ने प्लास्टिक वाले आधार कार्ड के प्रति किया आगाह, हो सकता है यह नुकसान…

नयी दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को आगाह किया है कि कोर्इ प्लास्टिक वाले या लेमिनेटेड आधार स्मार्ट कार्ड के चक्कर में नहीं पड़ें, क्योंकि इनकी अनाधिकृत छपाई से क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है या उनकी सहमति के बिना ही व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक हो सकती है. प्राधिकरण का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2018 5:04 PM

नयी दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को आगाह किया है कि कोर्इ प्लास्टिक वाले या लेमिनेटेड आधार स्मार्ट कार्ड के चक्कर में नहीं पड़ें, क्योंकि इनकी अनाधिकृत छपाई से क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है या उनकी सहमति के बिना ही व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक हो सकती है. प्राधिकरण का कहना है कि आधार पत्र या इसका कटा हुआ भाग, सामान्य कागज पर आधार का इंटरनेट से निकाला गया संस्करण या एम आधार पूरी तरह वैध है.

प्राधिकरण का कहना है कि आधार स्मार्ट कार्ड की अनाधिकृत छपाई से उपयोक्ता को 50 से 300 रुपये की लागत आयेगी, जो पूरी अनावश्यक है. प्राधिकरण ने एक बयान में कहा है कि प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड का आमतौर पर क्यूआर कोड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि अनाधिकृत छपाई के दौरान यह कोर्ड काम करना बंद कर देता है.

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इसके अनुसार, इसके साथ ही इस प्रक्रिया में उपभोक्ता की व्यक्तिगत जानकारी उसकी मंजूरी के बिना ही सार्वजनिक की जा सकती है. यूएडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड पूरी तरह अनावश्यक आैर बर्बादी है, क्योंकि डाउनलोड कर सामान्य कागज पर प्रकाशित आधार कार्ड या ‘एम आधार’ पूरी तरह वैध है.

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