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रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का एलान, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति का एलान किया. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे छह प्रतिशत पर कायम रखा है, वही रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत पर कायम रखा गया है. आम बजट पेश किये जाने के बाद रिजर्व बैंक की यह […]

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति का एलान किया. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे छह प्रतिशत पर कायम रखा है, वही रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत पर कायम रखा गया है. आम बजट पेश किये जाने के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक समीक्षा है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि दूसरी छमाही में महंगाई दर नियंत्रण में रहेगी.

रिजर्व बैंक ने 2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया.हालांकि अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया है. आरबीआइ का अनुमान, चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.1 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 5.1 से 5.6 प्रतिशत के बीच रह सकती है.

गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि लंबी अवधि में महंगाई दर चार प्रतिशत रहने की संभावना है. आरबीआइ ने कहा कि सिस्टम में सरप्लस लिक्विडिटी कायम रखेगी.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि जीएसटी स्थिर हो रहा है, आर्थिक गतिविधियां बढ़ रहीहैं और निवेश में सुधार के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का मुद्रास्फीति में सही-सही योगदान का अभी पूरी तरह आकलन संभव नहीं है.

आरबीआइ ने कहा है कि क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है.

आरबीआइ ने जीवीए अनुमार, 6.7 से कम कर 6.6 कर दिया है.

आरबीआइ गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा कि पूंजी पर पांच प्रकार के कर हैं जिनका निवेश पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राजकोषीय रुख में कोई बदलावयाफर्क रिजर्व बैंक के लिए चुनौती ज्यादा बढ़ा देगा. उन्होंने कहा है कि हम अपने वित्त वर्ष के अनुसार सरकार को मशीनी तरीके से लाभांश देते रहेंगे.

आरबीआइ को लगता है कि बैंक पुनर्पूंजीकरण और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता की प्रक्रियाओं से बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में वृद्धि होगी.

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