नयी दिल्ली : खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि उत्पादन वृद्धि और घरेलू कीमतों में गिरावट को देखते हुए सरकार चीनी से निर्यात शुल्क हटाने पर विचार कर रही है, ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. फिलहाल, चीनी पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगता है.
इसे भी पढ़ें : गन्ना किसानों के बकाये की वजह से सरकार ने चीनी पर आयात शुल्क बढाकर 40 प्रतिशत करने को दी मंजूरी
पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि 2017-18 सीजन (अक्तूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन करीब 2.49 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 2.02 करोड़ टन था. उद्योग को चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है और सरकार चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने की आपूर्ति तथा दूसरी गतिविधियों के आधार पर इसकी समीक्षा करेगी. देश की चीनी मांग 2.4 से 2.5 करोड़ टन सालाना है.
देश में चीनी उत्पादन खपत से अधिक रहने की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही चीनी पर आयात शु्ल्क को दोगुना करके 100 फीसदी कर चुकी है, ताकि विदेशी बाजारों खासकर पाकिस्तान से आने वाली सस्ती चीनी के आयात को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने घरेलू बिक्री के लिए मिलों पर दो महीने के लिए मात्रात्मक प्रतिबंध लगाए हैं. उद्योग की निर्यात शुल्क हटाने की मांग पर पासवान ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है.
चीनी की घरेलू कीमतों के लागत मूल्य से नीचे जाने पर इस्मा और एनएफसीएसएफ ने खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पिछले महीने मुलाकात की थी. चीनी पर आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने और अधिशेष चीनी को कम करने के लिये 20 फीसदी निर्यात शुल्क को हटाने की मांग की थी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.