”जीएसटी से अनाज खरीदने पर हर साल होगी 1,600 करोड़ रुपये की बचत”
नयी दिल्ली : खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र को अनाज खरीद में 1,600 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की बचत होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि खरीद पर राज्यों की ओर से लगाये जाने वाले टैक्स की जगह पर सिर्फ जीएसटी लगता है. नतीजतन, अनाज […]
नयी दिल्ली : खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र को अनाज खरीद में 1,600 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की बचत होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि खरीद पर राज्यों की ओर से लगाये जाने वाले टैक्स की जगह पर सिर्फ जीएसटी लगता है. नतीजतन, अनाज खरीद पर लगने वाले टैक्स में 18 फीसदी की कमी आयी है. उन्होंने कहा कि इससे सरकार को सालाना 1,600 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है.
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वर्ष 2018-19 के बजट में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पूंजी पुनर्गठन घोषणा पर पासवान ने कहा कि ब्याज के बोझ को कम करने के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में एफसीआई में पूंजी डालेगी. एफसीआई दीर्घकालिक बांड भी जारी करेगा.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में प्रस्तावित वृद्धि (डेढ़ गुना) का मुद्रास्फीति पर प्रभाव को लेकर पासवान ने कहा कि इसका आम नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को गेहूं और चावल 2-3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दी रही है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बजट आवंटन पर बोलते हुए पासवान ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिये 2.24 लाख करोड़ रुपए की राशि बजट में दी गयी है, जो वर्ष 2017-18 के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये थी.
खाद्य सब्सिडी को 1,44,781.69 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,73,323 करोड़ रुपये किया गया है. इसी प्रकार, उपभोक्ता मामले विभाग के लिए 1804.52 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष के दौरान 3,733 करोड़ रुपये था.
उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरीकरण कोष को 3,500 करोड़ रुपये से घटाकर 1,500 करोड़ रुपये करने से इसमें कमी आयी है. पासवान ने कहा कि सरकार ने 80 प्रतिशत से ज्यादा राशन कार्डों को आधार के साथ जोड़ा है. राशन की दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें लगायी जा रही हैं.
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