वसुंधरा ने अन्नदाताआें के लिए खोला खजाना, 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ
जयपुर : राजस्थान सरकार ने किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण में 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की है. इसके साथ ही, राज्य में विभिन्न वर्गों को 650 करोड़ रुपये की राहत देने का भी बजट में प्रस्ताव किया गया है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को राज्य विधानसभा में 2018-19 […]
जयपुर : राजस्थान सरकार ने किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण में 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की है. इसके साथ ही, राज्य में विभिन्न वर्गों को 650 करोड़ रुपये की राहत देने का भी बजट में प्रस्ताव किया गया है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को राज्य विधानसभा में 2018-19 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की. बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है.
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मुख्यमंत्री ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बजट में किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति जनजाति, व्यापारियों सहित अन्य वर्गों को लुभाने का प्रयास किया. सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओें को 18 साल से कम उम्र के अपने बच्चों की देखभाल के लिए सेवाकाल में दो साल का अवकाश देने, महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में बढ़ोतरी करने, स्कूल और कॉलेज को क्रमोन्नत करने, पुलिसकर्मियों के मेस भत्ते, गौशालाओं का संवर्धन करने, राजस्थान रोडवेज की बसों में 80 साल से अधिक उम्र के वृद्धजनों को मुफ्त एवं उनके साथ सहायक को 50 फीसदी रियायत के साथ यात्रा करने की सुविधा देने की घोषणा की है.
वसुंधरा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6,000 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 4,000 रुपये, सहायिका को 3,500 रुपये और साथिनों को 3,300 रुपये का मानदेय देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कास्टेंबल, हेड कांस्टेबल, सहायक उप निरीक्षक, निरीक्षक को 2,000 रुपये प्रतिमाह मेस भत्ता देने की भी घोषणा की है. पहले यह भत्ता क्रमश: 1,600 रुपये और 1,700 रुपये था. वित्त विभाग भी संभाल रही मुख्यमंत्री ने बजट में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 किलोमीटर की नयी सड़क बनाने, ग्रामीण गरीब पथ एवं ग्राम पंचायत मुख्यालयों को जोड़ने, प्रत्येक जिले में एक नंदी गौशाला के संवर्धन एवं गौसरंक्षण के लिए 50 लाख रुपये के अनुदान, उंटनी के दूध प्रसंस्करण एवं ब्रिकी के लिए जयपुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से मिनी संयंत्र लगाने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने लघु एवं सीमांत कृषकों के सहकारी बैंकों में 30 सितंबर, 2017 को बकाया अल्पकालीन फसली ऋण में समस्त ब्याज एवं दंड माफी, अल्पकालीन फसली ऋण में से 50,000 रुपये तक के कर्जे माफ करने, राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग के गठन, राजफैड को मूल्य समर्थन योजना के तहत सरसों और चने की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण और खरीद पर देय मंडी शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव किया.
वसुंधरा ने 1,000 अन्नपूर्णा भंडार खोलने, 1,832 स्कूलों को क्रमोन्नत करने, 77,100 रिक्त पदों को भरने, 17 उपखंड मुख्यालयों में कॉलेज खोलने, कोटा एवं नौगांवा (अलवर) में कृषि महाविद्यालय खोलने, एससी एवं एसटी वित्त एवं विकास सहकारी निगम द्वारा दो लाख रुपये तक के बकाया ऋण एवं ब्याज को माफ करने, भैरों सिंह शेखावत अंत्योदय स्वरोजगार योजना आंरभ करने, सुंदर सिंह भंडारी ईबीसी स्वरोजगार योजना शुरू करने, 10वीं और 12वीं की विज्ञान, कला, वाणिज्य परीक्षा में 85 फीसदी से अधिक अंक लाने वाली प्रत्येक संवर्ग की 200-200 छात्राओं को स्कूटी देने की घोषणा की.
वसुंधरा ने पेयजल समस्या के समाधान के लिए मौजूदा जल क्षेत्रों की जल क्षमता बढ़ाने, नदियों को जोड़ने, मुख्यमंत्री जल स्वालंबन योजना के तहत जल संरदक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की खरीद एवं बिक्री में राहत देने, सबको आवास योजना और अचल संपति के पंजीकरण के लिए स्टांप डयूटी तथा पंजीयन शुल्क में राहत देने, जीएसटी लागू होने के कारण बकाया मांग के निस्तारण के लिए एमनेस्टी स्कीम लाने का प्रस्ताव किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि जीसटी के तहत 1,81,000 नये करदाता पंजीकृत किये गये हैं और जीएसटी के कर आधार में 35 फीसदी की वृद्धि हुई है.
उन्होंने जनवरी, 2012 तक लंबित दो लाख कृषि कनेक्शन अगले वित्त वर्ष में देने, किसानों को जल संसाधन विभाग के तहत बकाया सिंचाई कर की राशि 31 दिसंबर तक एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में 100 फीसदी छूट की घोषणा की. मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट प्रस्ताव के अनुसार, वर्ष 2018-2019 का राजकोषिय घाटा 28,011.21 करोड़ रुपये है. कुल राजस्व आय 1,51,663.50 करोड़ रूपये रहने की संभावना है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-2018 के संशोधित बजट अनुमान में राज्य के स्वयं का कर राजस्व 51,816 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2018-2019 में 58,099 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो 12.12 प्रतिशत अधिक है.
वसुंधरा ने जैसे ही बजट प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया. नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने किसानों की समस्याएं उठायीं. शोर-शराबे पर अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की तल्ख टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री ने बजट प्रस्ताव पढ़ना आरंभ किया. इसी बीच निर्दलीय हनुमान बेनीवाल के सरकार के खिलाफ बोलने से फिर व्यावधान पैदा हो गया. कुछ समय के व्यावधान के बाद मुख्यमंत्री ने अपना बजट प्रस्ताव फिर से पढ़ना आरंभ किया.
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