सरकार को राहत : खुदरा महंगार्इ घटी, आैद्योगिक उत्पादन बढ़ा
नयी दिल्ली : सरकार के लिए एक अच्छी खबर है आैर वह यह कि महंगार्इ आैर आैद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर उसे राहत मिली है. फल, सब्जियों आैर ईंधन के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 5.07 फीसदी रही. वहीं, विनिर्माण, पूंजीगत सामान और गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने […]
नयी दिल्ली : सरकार के लिए एक अच्छी खबर है आैर वह यह कि महंगार्इ आैर आैद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर उसे राहत मिली है. फल, सब्जियों आैर ईंधन के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 5.07 फीसदी रही. वहीं, विनिर्माण, पूंजीगत सामान और गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन में 7.1 फीसदी वृद्धि दर्ज की गयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दिसंबर में 5.21 फीसदी थी, जो 17 महीने का उच्च स्तर था. पिछले साल जनवरी में यह 3.17 फीसदी थी.
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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत वृद्धि जनवरी में नरम होकर 4.7 फीसदी रही, जो दिसंबर में 4.96 फीसदी थी. सब्जियों की महंगाई दर जनवरी में 26.97 फीसदी रही, जो दिसंबर में 29.13 फीसदी थी. फलों की कीमतों में भी पिछले महीने सालना आधार पर 6.24 फीसदी की वृद्धि हुई. इससे पहले के महीने में फलों की कीमत सालाना आधार पर 6.63 फीसदी ऊंची थी. ईंधन एवं प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति जनवरी में 7.73 फीसदी रही, जो इससे पूर्व दिसंबर महीने में 7.90 फीसदी थी.
सरकार के लिए सबसे बड़ी राहत वाली बात यह है कि विनिर्माण, पूंजीगत सामान और गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से दिसंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन में 7.1 फीसदी वृद्धि दर्ज की गयी. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में एक साल पहले इसी माह में 2.4 फीसदी वृद्धि हुई थी. सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक माह पहले नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 8.4 फीसदी के अस्थायी आंकड़े से और सुधरकर 8.8 फीसदी हो गयी.
दिसंबर, 2017 में आईआईपी की वृद्धि में विनिर्माण क्षेत्र का सबसे ज्यादा योगदान रहा. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 77.63 फीसदी है. विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दिसंबर में 8.4 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले इसी माह में इस क्षेत्र ने 0.6 फीसदी वृद्धि दर्ज की थी. दिसंबर में पूंजीगत सामान बनाने वाले उद्योगों के सूचकांक में तीव्र वृद्धि दर्ज की गयी, जो निवेश गतिविधियों में तेजी का संकेत है. माह के दौरान इस क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि 16.4 फीसदी थी.
एक साल पहले इसी माह इस वर्ग के सूचकांक में 6.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के वर्ग में भी सूचकांक 16.5 फीसदी चढ़ गया, जो एक साल पहले दिसंबर में 0.2 फीसदी गिरा था. इस समूह में ज्यादातर त्वरित उपभोग वाले सामान आते हैं. आईआईपी में शामिल अन्य वर्गों में प्राथमिक सामानों के वर्ग में 3.7 फीसदी, मध्यम वर्गीय सामान में 6.2 फीसदी और ढांचागत निर्माण क्षेत्र के सामानों की वृद्धि दर 6.7 फीसदी रही. हालांकि, दिसंबर में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि 0.9 फीसदी रही. दिसंबर, 2017 में विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों में से 16 में वृद्धि दर्ज की गयी.
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