रिलायंस जियो इंटरकनेक्ट मामला : दिल्ली हार्इकोर्ट ने सीसीआर्इ की जांच के फैसले काे बताया ‘बुरा बर्ताव”

नयी दिल्ली : दिल्ली हार्इकोर्ट ने सोमवार को कहा कि प्रतिस्पर्धा क्षेत्र के नियामक सीसीआई का रिलायंस जियो को इंटर कनेक्शन उपलब्ध कराने में असफल रहने के मामले में ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन समूह पीएलसी की जांच का निर्णय ‘बुरा बर्ताव’ है. इसे भी पढ़ेंः जियो का एयरटेल पर आरोप, एक दिन में 10 करोड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2018 10:34 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली हार्इकोर्ट ने सोमवार को कहा कि प्रतिस्पर्धा क्षेत्र के नियामक सीसीआई का रिलायंस जियो को इंटर कनेक्शन उपलब्ध कराने में असफल रहने के मामले में ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन समूह पीएलसी की जांच का निर्णय ‘बुरा बर्ताव’ है.

इसे भी पढ़ेंः जियो का एयरटेल पर आरोप, एक दिन में 10 करोड कॉल विफल

वोडाफोन समूह पीएलसी भारत की उसकी इकाई वोडाफोन इंडिया की मूल कंपनी है. अदालत ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और रिलायंस जियो को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगते हुए कहा कि यह वास्तविक दुर्व्यवहार है और हमें ऐसा कहने में कोई मलाल नहीं है.

अदालत ने वोडाफोन समूह की याचिका पर यह नोटिस जारी किया. याचिका में सीसीआई के आदेश को चुनौती दी गयी है. न्यायमूर्ति विभू बाखडू ने इस मामले में भारतीय एयरटेल, आइडिया सेल्यूलर और वाडाफोन इंडिया से भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्ट सुविधा उपलब्ध नहीं करने मामले में इन सभी को आरोपी ठहराया है. मामले की अगली सुनवाई अब 23 अप्रैल को होगी. सीसीआई के 12 सितंबर, 2017 के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन की कंपनी ने हार्इकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

वोडाफोन की ब्रिटेन स्थित इस मूल कंपनी ने रिलायंस जियो की शिकायत पर शुरू की गयी कारवाई में से उसका (ब्रिटेन वोडाफोन) का नाम हटाने के आवेदन को खारिज कर दिया था.

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