नयी दिल्ली : मुद्रास्फीति में तेजी अब थम गयी है और अगर मॉनसून सामान्य रहा तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगस्त में नीतिगत दरों में चौथाई प्रतिशत (25 आधार अंक) की कटौती कर सकता है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बीओएफएएमएल) के अनुसार मुद्रास्फीति जोखिम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.
जनवरी में मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत पर आ गयी है, जो दिसंबर की महंगाई दर 5.2 प्रतिशत से कम है. मेरिल लिंच का अनुमान है कि टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट आने से मुद्रास्फीति फरवरी में 4.7 प्रतिशत पर आ सकती है.
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बैंक ऑफ अमेरिका ने रिपोर्ट में कहा, हमें उम्मीद है कि आरबीआई मौद्रिक समीक्षा बैठक में अप्रैल-जून में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा सकती है. हालांकि, हम अपेक्षा करते हैं कि ला नीना के प्रभाव में केंद्रीय बैंक अगस्त में एमपीसी की बैठक में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती कर सकता है.
ला नीना से दक्षिण पश्चिम मॉनसून को गति मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018-19 में औसत मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत पर रहेगी जो कि आरबीआई के 2 से 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर है.
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रिजर्व बैंक ने 7 फरवरी को मौद्रिक समीक्षा बैठक में मुद्रास्फीति को देखते हुए नीतिगत दरों को 6 प्रतिशत पर स्थिर रखा था. आरबीआई ने लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों को पूर्व स्तर पर अपरिवर्तित रखा है.
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