नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक रकम के महाघोटाले के बाद देश के अन्य बैंकों से स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. इस धोखाधड़ी को लेकर चिंतित वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को इस मामले से जुड़ी या इस प्रकार की घटनाओं के संबंध में इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देने को कहा है.
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इससे पहले, दिन में पीएनबी ने 1.77 अरब डाॅलर (करीब 11,334.4 करोड़ रुपये) मूल्य के धोखाधड़ी वाले लेन-देन का खुलासा किया. पीएनबी ने एक बयान में कहा कि उसने मुंबई की अपनी एक शाखा में जाहिरा तौर पर साठगांठ से कुछ धोखाधड़ी वाले लेन-देन का पता लगाया.
बैंक ने कहा कि इन लेन-देन के आधार पर कुछ अन्य बैंकों ने भी संभवत: विदेशों में इन ग्राहकों को ऋण दिये हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चूंकि मामले में एक से अधिक बैंक शामिल हैं. इसलिए वित्तीय सेवा विभाग ने सभी बैंकों से धोखाधड़ी को लेकर जल्दी स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक, पीएनबी ने धोखाधड़ी कर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी एंड एसोसिएट्स को गारंटी पत्र (लेटर आॅफ अंडरटेकिंग) दिया.
उन्होंने इसे विदेशों में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों से भुनाया. उसने कहा कि यह सब 2011 से काम उप-महाप्रबंधक के स्तर के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर किया गया. मामले में कदम उठाते हुए पीएनबी ने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. इस बीच, बैंक ने अरबपति नीरव मोदी और आभूषण कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई के पास शिकायत की है.
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