सीबीआइ ने रोटोमेक के मालिक विक्रम कोठारी का घर दफ्तर सील किया, इडी ने दर्ज किया मनी लाउंड्रिंग केस
कानपुर : बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने रोटोमैक पेन के प्रमोटर विक्रम कोठारी के खिलाफ 800 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं करने का मामला दर्ज किया है. इसपर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित दफ्तर और आवासीय परिसरों पर छापेमारी शुरू कर दी है. वहीं विक्रम […]
कानपुर : बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने रोटोमैक पेन के प्रमोटर विक्रम कोठारी के खिलाफ 800 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं करने का मामला दर्ज किया है. इसपर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित दफ्तर और आवासीय परिसरों पर छापेमारी शुरू कर दी है. वहीं विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे को हिरासत में लेकर सीबीआई पूछताछ कर रही है. दोपहर में सीबीआइ ने रोटोमेक के डायरेक्टर विक्रम कोठारी का आवास और कार्यालय सील कर दिया.
बैंकों से 3695 करोड़ रुपये के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में रोटोमैक पेन कंपनी के मालिकों के खिलाफ धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही विक्रम कोठारी व कंपनी के तीन डायरेक्टर पर केस दर्ज किया गया है.
Central Bureau of Investigation is conducting searches in 3 locations in Kanpur. Bank of Baroda had registered complaint with CBI against Rotomac Pens owner #VikramKothari. Kothari is currently being questioned by CBI along with his wife & son.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2018
हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पीएनबी स्कैम के बाद विक्रम कोठारी ने विभिन्न बैंकों को 800 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. कोठारी रोटोमैक पेन कंपनी के प्रवर्तक हैं. कोठारी पर इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कई सार्वजनिक बैंकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. कानपुर के कारोबारी कोठारी ने पांच सार्वजनिक बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया था.
नियमों को ताक पर रखकर बैंकों ने दिया लोन
जानकारों के अनुसार विक्रम कोठारी को लोन देने में इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों के पालन में ढिलाई की. कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का लोन लिया था. उन्होंने लोन लेने के साल बाद कथित तौर पर ना तो मूलधन चुकाया और ना ही उस पर बना ब्याज.
#UPDATE: Latest visuals from from Rotomac Pens owner #VikramKothari residence as CBI raid is underway. pic.twitter.com/6R0NBW6cKO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2018
कानपुर का वासी हूं, शहर में ही रहूंगा : कोठारी
स्थानीय मीडिया के रिपोट्स के अनुसार विक्रम कोठारी के विदेश भागने की सूचना गलत है. वे कानपुर में ही हैं. एक हिंदी चैनल ने कोठारी के कानपुर में होने का दावा किया है. उन्हें एक समारोह में देखा गया है. मीडिया में कोठारी के हवाले से खबर आयी कि कोठारी ने कहा, ‘मैं कानपुर का वासी हूं और मैं शहर में ही रहूंगा. हालांकि कारोबारी काम की वजह से मुझे विदेश यात्राएं भी करनी होती हैं.’ सीबीआई विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित सभी ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
Kanpur: #Visuals from outside Rotomac Pens owner #VikramKothari residence as CBI raid is underway. pic.twitter.com/PchBkqnqeM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2018
BOB ने कोठारी को माना विलफुल डिफॉल्टर
पिछले साल लोन देने वाले बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋणचूक करने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया था. इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली थी. जहां मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी बी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सूची से बाहर करने का आदेश दिया था.
न्यायालय ने कहा था कि ऋण चूक की तारीख के बाद कंपनी ने बैंक को 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की पेशकश की थी, बैंक ने कंपनी को गलत तरीके से सूची में डाला गया है. बाद में रिजर्व बैंक द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार एक प्राधिकृत समिति ने 27 फरवरी 2017 को पारित आदेश में कंपनी को जान बूझकर ऋण नहीं चुकाने वाला घोषित कर दिया.
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