नयी दिल्ली : महाघोटाले के बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 18000 कर्मियों का तबादला कर दिया है. हालांकि बैंक एसोसिएशन इसका विरोध कर रही है. 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले में बैंक अधिकारियों की संलिप्तता के बाद ये बड़ी कार्रवाई की गयी है. पीएनबी स्कैम में कई अधिकारियों के नाम भी आये हैं और उनसे लगातार सीबीआई व ईडी की टीम पूछताछ कर रही है.
सूत्रों के अनुसार जिन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया गया है उसमें से अधिकांश ऐसे हैं जो तीन साल से अधिक समय से एक ही ब्रांच में जमे हुए थे, वहीं कुछ ऐसे भी कर्मचारियों पर गाज गिरी है जिन्हें 2 महीने बाद रिटायर होना है.
विभिन्न बैंक एसोसिएशन ने इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है और सरकार से इस ट्रांसफर को रोकने की अपील की है. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स ने इस कदम का विरोध किया है. यूनियन ने इसे तुगलगी फरमान बताया है. उनकी दलील है कि ट्रांसफर से मार्च क्लोजिंग के काम पर बुरा असर पड़ेगा और इसे अप्रैल तक टाला जाए.
बताया जा रहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के आदेश के बाद पीएनबी ने यह बड़ी कार्रवाई की है. पिछले दिनों सीवीसी ने बैंकों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि एक ही ब्रांच में कई साल से कर्मचारी की तैनाती घोटाले की आशंका को तेज करती है. लिहाजा 21 फरवरी तक 3 साल से ज्यादा वक्त से एक ही पोस्ट और ब्रांच में काम कर रहे बैंक अधिकारी और 5 साल से ज्यादा वक्त से एक ही ब्रांच में काम कर रहे कर्मचारी की सूची तैयार की जाए और उनका तबादला किया जाए.
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