एयरसेल के यूजर के लिए ये पांच बातें जानना है जरूरी
नयी दिल्ली : मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरसेल अब मुश्किल हालात में है. जहां एक ओर यूजर्स दूसरे नेटवर्क में शिफ्ट हो रहे हैं तो वहीं कर्मचारी दूसरी नौकरी ढूंढते नजर आ रहे हैं. कई महीनों से फंडिंग के लिए जूझ रही कंपनी की मुश्किल दोतरफा है. जहां एक ओर यूजर्स कॉल ड्रॉप एवं नो […]
नयी दिल्ली : मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरसेल अब मुश्किल हालात में है. जहां एक ओर यूजर्स दूसरे नेटवर्क में शिफ्ट हो रहे हैं तो वहीं कर्मचारी दूसरी नौकरी ढूंढते नजर आ रहे हैं. कई महीनों से फंडिंग के लिए जूझ रही कंपनी की मुश्किल दोतरफा है. जहां एक ओर यूजर्स कॉल ड्रॉप एवं नो सिग्नल जैसी समस्याओं के लिए परेशान है, तो वहीं दूसरी तरफ कंपनी दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है. खबरों की मानें तो 31 मार्च तक कंपनी पर ताला भी लग सकता है. यदि आप भी एयरसेल के यूजर हैं या फिर पूर्व यूजर रह चुके हैं तो आप भी इन पांच बातों को सुनें…
1. बंद हो जाएगी एयरसेल?
इस सवाल पर कंपनी का कहना है कि निकट भविष्य में फिलहाल तो ऐसा नहीं होने जा रहा है. फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स की ओर से कंपनी के बंद होने के डर को जाहिर किये जाने के बाद एयरसेल ने सोशल मीडिया पर सफाई दी और कहा कि वह अपनी सेवाएं बंद नहीं करेगी और अगर ऐसा कुछ भी होता है तो उसके बारे में यूजर्स को पर्याप्त सूचना उपलब्ध करायी जाएगी.
2. यूजर्स परेशान क्यों?
एयरसेल के तमाम यूजर्स की बात करें तो वे अपने सर्कल में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. फेसबुक और ट्विटर पर वायरस हुईं कुछ पोस्ट के बाद से राजस्थान, कोलकाता, चेन्नई, ओडिशा और दिल्ली के यूजर्स को उनके मोबाइल पर कंपनी का नेटवर्क नहीं नजर आ रहा है. ऐसा पिछले दो-चार दिनों से हो रहा है.
3. पोर्ट भी नहीं हो पा रहा नंबर, आखिर क्यों?
देशभर में एयरसेल के 9 लाख यूजर हैं. कई यूजर ने अपना नंबर दूसरे नेटवर्क पर पोर्ट कराने का प्रयास किया. ऐसा इसलिए क्योंकि वो लगातार कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना कर रहे थे. काफी कस्टमर्स की ओर से पोर्ट की रिक्वेस्ट दिये जाने के बाद एयरसेल का बुनियादी ढांचा इस स्थिति को संभाल पाने में सक्षम नहीं हुआ. हालांकि कंपनी का कहना है कि उसे सभी पोर्ट रिक्वेस्ट को स्वीकार करने में थोड़ा वक्त लगेगा.
4. इतने दिनों से है समस्या
आपको बता दें कि एयरसेल ने 30 जनवरी को छह सर्कल में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया, इनमें गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल है. कंपनी ने उस वक्त कहा था कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में काम करना अब मुश्किल हो रहा है. यहां चर्चा कर दें कि सितंबर 2017 में टेलिकॉम सेक्टर में जियो की एंट्री हुई जिसके बाद से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गयीं. जियो की एंट्री ने टेलिकॉम सेक्टर में बड़ी हलचल पैदा कर दी थी.
5. कंपनी बैंकरप्सी फाइलिंग के बारे में जानें
जियो की एंट्री के बाद भारतीय टेलिकॉम उद्योग ने भारी उतार-चढ़ाव भरे माहौल का सामना किया. इसका प्रभाव एयरसेल पर भी पड़ा. जुलाई 2016 में 120 करोड़ रुपये के तिमाही परिचालन लाभ से, एयरसेल दिसंबर 2017 तक 120 करोड़ के परिलाचन नुकसान में पहुंच गया. कंपनी, जो मौजूदा समय में एक वित्तीय संकट का सामना कर रही है, विकल्प तलाश रही है और उधारदाताओं सहित सभी हितधारकों से बातचीत का क्रम बढाये हुए है ताकि आगे की संभावनाओं को पहचाना जा सके. इसकी मूल कंपनी मैक्सिस पहले कंपनी के समर्थन के लिए कुछ पैसा निवेश करने की योजना बना रही थी, लेकिन अचानक उसने भी अपने हाथ खींच लिये हैं. 15,500 करोड़ रुपये के लोन को सुधारने के असफल प्रयास के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर ने एयरसेल को बैंकों के लिए गैर-निष्पादित संपत्ति करार कर दिया जिस कारण अब कंपनी अपने बैंक खातों के फ्रीज होने की समस्या से जूझ रहा है.
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