नेपाल के एकमात्र अरबपति उद्योगपति ने भारत के साथ रिश्तों में खटास की बतायी ये वजह….
नयी दिल्ली : भारत-नेपाल पड़ोसी देश और दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता, मगर इस समय इन दोनों पड़ोसियों के रिश्तों में खटास पैदा हो गयी है. हालांकि, इन दोनों देशों के आम अवाम को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर दोनों में इस तरह की खटास पैदा क्यों हुई. दोनों पड़ोसियों […]
नयी दिल्ली : भारत-नेपाल पड़ोसी देश और दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता, मगर इस समय इन दोनों पड़ोसियों के रिश्तों में खटास पैदा हो गयी है. हालांकि, इन दोनों देशों के आम अवाम को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर दोनों में इस तरह की खटास पैदा क्यों हुई. दोनों पड़ोसियों के बीच के रिश्तों में पैदा हुई खटास को लेकर वहां के एकमात्र अरबपति बिमल चौधरी ने बड़ा खुलासा किया है.
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नेपाल के एकमात्र अरबपति उद्योगपति विनोद चौधरी का मानना है कि हाल के समय में भारत और नेपाल के बीच संबंधों में जो खटास दिखायी देती है, उसके पीछे भारत की रणनीतिक एवं राजनीतिक चूक प्रमुख वजह रही है. हालांकि, उनका मानना है कि दोनों पड़ोसियों के बीच बरसों पुराना दोस्ताना है और आपस में बैठकर किसी भी तरह के मतभेद या विवाद को आसानी से दूर किया जा सकता है. नेपाल के अरबपति कारोबारी एवं पूर्व सांसद बिमल चौधरी ने यहां विशेष बातचीत में ये विचार व्यक्त किये.
मधेसी आंदोलन के समय पैदा हुई खटास
नेपाल की सबसे बड़ी कंपनी सीजी कॉर्प ग्लोबल के चेयरमैन चौधरी ने कहा कि मधेशी आंदोलन के समय दोनों देशों की सीमा पर हुई बंदी ने आम जनमानस में भारत की छवि को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि दशहरा, दीपावली के मौके पर माल की आपूर्ति बंद होने से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा.
पूरा नेपाल का है चीन के प्रति झुकाव
नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री केपी ओली के भारत के बजाय चीन के प्रति झुकाव रखने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ओली नहीं, बल्कि पूरे नेपाल की स्थिति है. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच गलतफहमी की मुख्य वजह मधेशी आंदोलन के दौरान सीमा बंद किया जाना है. इस कारण सिर्फ ओली ही नहीं बल्कि नेपाल में भारत के सबसे अच्छे दोस्तों का मन भी भारत के प्रति खट्टा हुआ है.
नेपाल की त्रासदी में भारत ने नहीं दिया था साथ
नेपाल भूकंप की बर्बादी से जूझ रहा था और वैसे समय में भारत की ओर से आपूर्ति बंद कर दी गयी. यह उसकी ओर से की गयी सबसे बड़ी रणनीतिक चूक थी. नेपाल के चुनाव में जो परिणाम सामने आये हैं, वह इसी का नतीजा है.
भारत की ओर से सीमा बंद करने पर चीन ने खोली अपनी सीमाएं
चीन के बढ़ते दबदबे के बाबत चौधरी ने कहा कि जब भी इस तरह की स्थिति बनती है, तो दूसरे देश उसका फायदा उठाते ही हैं. उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से सीमा बंद किये जाने के बाद चीन ने दो जगह सीमाएं खोल दी. तीन सड़कों के माध्यम से चीन और नेपाल को जोड़ने की योजना चल रही है. रेलवे से भी दोनों देशों को जोड़ने की योजना है.
पीएम मोदी के रुख को सराहा
उन्होंने कहा कि नेपाल आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तौर पर भारत से जुड़ा है. दोनों देश स्वाभाविक मित्र हैं. भारत से नेपाल का हर तरह से जुड़ाव रहा है. उन्होंने संबंधों में जल्दी ही सुधार की उम्मीद जाहिर की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि मोदी ने ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद साहसिक कदम उठाते हुए तीन बार फोन पर बात की है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी उन्होंने नेपाल भेजा और खुद भी जल्दी ही दौरा करने वाले हैं. चौधरी ने कहा कि ये कदम काफी महत्वपूर्ण हैं.
अपनों के शूल से दर्द अधिक होता है
उन्होंने कहा कि यह तो स्वाभाविक है कि तकलीफ उसी से होती है, जो करीब होता है. जो पुराने करीबी रहे हों, उनके बीच मन भरने में भी मुश्किलें नहीं आती हैं. बता दें कि सीजी कॉर्प भारत में खाद्य, हॉस्पिटलिटी समेत विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करती है. घरेलू नूडल्स बाजार में कंपनी के उत्पाद वाई-वाई की 27 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी राजस्थान में 1000 करोड़ रुपये के निवेश से फुड पार्क बना रही है. इसी सप्ताह कंपनी ने उत्तर प्रदेश निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान राज्य में 200 करोड़ रुपये निवेश करने की भी घोषणा की है.
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