Loading election data...

Finance ministry ने सरकारी बैंकों को दिया निर्देश, 50 करोड़ से अधिक के फंसे कर्ज वाले खातों की हो जांच

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक सभी फंसे कर्ज (एनपीए) वाले खातों की जांच करने और उसके अनुसार रिपोर्ट सीबीआई को करने का निर्देश दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में अरबपति जौहरी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 8:17 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक सभी फंसे कर्ज (एनपीए) वाले खातों की जांच करने और उसके अनुसार रिपोर्ट सीबीआई को करने का निर्देश दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में अरबपति जौहरी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी तथा उनसे संबद्ध कंपनियों द्वारा 12,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद यह निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों ने भी वसूली में अटके कर्जों को लेकर जांच एजेंसियों से संपर्क किया है. इसमें रोटोमैक समूह तथा सिंभावली शुगर्स के मामले शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें : रोटोमैक बैंक धोखाधड़ी : 800 करोड़ नहीं, 3695 करोड़ रुपये का है घोटाला, केस दर्ज

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने ट्विटर पर दी सूचना में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों को बैंक में धोखाधड़ी का पता लगाने तथा ऐसे मामले को सीबीआई के पास भेजने का निर्देश दिया गया है. सचिव ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों को बैंक में धोखाधड़ी का पता लगाने तथा ऐसे मामले को सीबीआई के पास भेजने का निर्देश दिया गया है. उन्हें धोखाधड़ी की आशंका वाले 50 करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए वाले सभी खातों की जांच करने को कहा गया है.

बैंकों को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए), फेमा या निर्यात आयात नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय तथा राजस्व खुफिया निदेशालय को शामिल करने को कहा गया है. मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से धोखाधड़ी का तुरंत पता लगाने और निर्धारित समयसीमा में कार्रवाई करने को कहा है. कुमार ने कहा कि संबंधित बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी को शिकायत की जांच करनी होगी और 50 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की जांच में सीबीआई के साथ समन्वय करना होगा. साथ ही, बैंकों को केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) से एनपीए होने वाले खातों के संदर्भ में कर्जदार की स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और सीईआईबी को एक सप्ताह में इसका जवाब देना होगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version