मुंबई : जीवीके समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल में नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा की आधारशिला कार्यक्रम में खर्च को कुछ हिस्सा सरकारी कंपनियों से मांगा है. नवी मुंबई हवाईअड्डा के विकास से जुड़ा जीवीके समूह चाहता है कि खर्च का 60 फीसदी हिस्सा सिडको तथा जेएनपीटी दें. उसके इस कदम को एक अभूतपूर्व बात माना जा रहा है.
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कंपनी ने दावा किया कि उलवे में आयोजित इस वृहत कार्यक्रम में 10.34 करोड़ रुपये का खर्चा हुआ. 18 फरवरी को इस कार्यक्रम में मोदी ने देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह जेएनपीटीपी के चौथे टर्मिनल का भी औपचारिक उद्घघाटन किया. जीवीके समूह की नये हवाईअड्डे में 74 फीसदी हिस्सेदारी वहीं परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी सिडको के पास शेष 26 फीसदी हिस्सेदारी है.
दिलचस्प बात यह है कि हवाईअड्डा प्राधिकरण की परियोजना में कोई हिस्सेदारी नहीं है. इस कार्यक्रम में 25,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया और जीवीके समूह ने कार्यक्रम प्रबंधन कंपनी विजक्राफ्ट की सेवा ली थी. जीवीके के एक अधिकारी ने कहा कि हमने इस कार्यक्रम में 10.34 करोड़ रुपये खर्च किये. सिडको तथा जेएनपीटी परियोजनाओं से जुड़ी हैं. ऐसे में उन्हें खर्च के एक हिस्से का वहन करना चाहिए.
मुंबई हवाईअड्डे का परिचालन करने वाली जीवीके को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण और परिचालन के लिए 16,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है. इसका मकसद शहर में एकल रनवे वाले हवाईअड्डे पर दबाव को कम करना है. एक पत्र में जीवीके ने सुझाव दिया है कि कुल लागत में 60 प्रतिशत नोडल संयंत्र प्राधिकरण सिडको तथा जेएनपीटी को वहन करना चाहिए. दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां हैं.
सिडको के प्रवक्ता ने शुक्रवार को पत्र प्राप्त होन की पुष्टि की है. कंपनी से तीन करोड़ रुपये की मांग की गयी है. उसने कहा कि इस पर निर्णय के लिये निदेशक मंडल के समक्ष रखा जायेगा. हालांकि, प्रवक्ता ने कहा कि आम तौर पर अगर किसी कार्यक्रम में वीवीआईपी आते हैं, मुख्य आयोजक पूरे खर्च का वहन करता है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर जेएनपीटी के अधिकारी ने ऐसे किसी पत्र के प्राप्त होने से इनकार किया.
मोदी ने जेएनपीटी के 7915 करोड़ रुपये की लागत वाले चौथे टर्मिनल के पहले चरण का उद्घघाटन किया. अधिकारी के अनुसार, पूर्व में चौथे टर्मिनल की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया था और उस दौरान जो भी खर्च हुए, उसका वहन जेएनपीटी ने उठाया.
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