मुंबई : देश की सबसे बड़ी वाहन कंपनी टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि अगले चार पांच साल में उसके कुल श्रमबल में एक तिहाई महिलाए होंगी तथा समय के साथ वह और अधिक महिला अनुकूल होगी. टाटा मोटर्स के प्रमुख मानव संसाधन अधिकारी गजेंद्र चंदेल ने कहा, ‘हमने बीते चार पांच साल में हमारे श्रमबल में कर्मचारियों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी की है. हम अगले चार से पांच साल में इसे बढ़ाकर 20-25 प्रतिशत करेंगे.’
इस साल जनवरी में कंपनी में महिला कर्मचारियों की संख्या 2628 थी. यह उसके कुल 41,390 के कारखाना श्रमबल का लगभग पांच प्रतिशत है. वैसे कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 55,159 है. उल्लेखनीय है कि टाटा मोटर्स का पुणे संयंत्र देश का पहला विनिर्माण संयंत्र था जिसकी असेंबली लाइन में किसी महिला इंजीनियर को रखा गया.
अप्रैल 1974 में जेआरडी टाटा ने व्यक्तिगत रूप से सुधा मूर्ति को इस कारखाने में इंजीनियर के रूप में नौकरी पर रखा जो एन आर नारायणमूर्ति की पत्नी हैं. चंदेल ने कहा, ‘कई वर्षों से हम कैंपस से अधिक महिलाओं की नियुक्ति कर रहे हैं. यह 2016 में 13 प्रतिशत थी और 2017 में बढ़कर 19 प्रतिशत हो गयी. 2018 के बैच में हम 25 प्रतिशत का लक्ष्य रखे हुए हैं.’
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