एक अप्रैल से 50 हजार रुपये से अधिक माल की ढुलार्इ पर र्इ-वे बिल हो जायेगा जरूरी
नयी दिल्ली : सरकार ने इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से जारी होने वाले बिल (ई-वे) के मामले में नियमों में बदलाव किये हैं. इससे ई-काॅमर्स कंपनियों को वस्तुओं को लाने ले-जाने तथा वस्तुओं के मूल्य के आकलन में आसानी होगी. सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है. इसमें ‘जाॅब वर्क’ का काम […]
नयी दिल्ली : सरकार ने इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से जारी होने वाले बिल (ई-वे) के मामले में नियमों में बदलाव किये हैं. इससे ई-काॅमर्स कंपनियों को वस्तुओं को लाने ले-जाने तथा वस्तुओं के मूल्य के आकलन में आसानी होगी. सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है. इसमें ‘जाॅब वर्क’ का काम करने वाले भी वस्तुओं की आवाजाही के लिए इलेक्ट्राॅनिक रसीद निकाल सकते हैं. राज्यों के बीच50,000 रुपये से अधिक मूल्य के वस्तुओं की ढुलाई के लिए इलेक्ट्राॅनिक वे या ई-वे बिल की जरूरत एक अप्रैल से होगी.
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रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उन मामलों में उन्हें ई-वे बिल निकालने के उद्देश्य के लिए केवल कर योग्य आपूर्ति पर भी विचार की अनुमति दे दी है, जहां बिक्री बिल में छूट और कर योग्य आपूर्ति वाली वस्तुएं दोनों शामिल हैं. इसका मतलब है कि अगर जीएसटी के अंतर्गत आने वाले खाद्य उत्पादों को अगर दूध जैसे कर से छूट वाले उत्पादों के साथ भेजा जाता है, तब केवल खाद्य उत्पादों को ही ई-वे बिल के लिए विचार किया जायेगा.
परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी के अनुसार, इसके अलावा किसी राज्य विशेष में काम करने वाली छोटी कंपनियों की मदद के लिए इसमें कहा गया है कि 50 किलोमीटर तक वस्तुओं की आवाजाही को लेकर वाहनों के ब्योरे की जरूरत नहीं होगी. पहले यह सीमा 10 किलोमीटर थी.
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