INX Media Case : अदालत ने कार्ति चिदंबरम के सीए भास्‍कररमण को दी जमानत

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्कररमण को मंगलवार को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ इसके अलावा कोई अन्य स्पष्ट आरोप नहीं हैं कि उन्होंने अपराध में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2018 10:41 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्कररमण को मंगलवार को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ इसके अलावा कोई अन्य स्पष्ट आरोप नहीं हैं कि उन्होंने अपराध में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति की मदद की.

विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने भास्कररमण को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुये कहा, ‘व्यक्तिगत आजादी अनमोल है’ और ‘जमानत को सजा के रूप में रोककर नहीं रखा जा सकता.’

न्यायाधीश ने कहा, ‘हमारे संविधान के अनुसार व्यक्तिगत आजादी अनमोल है और मुकदमे का सामना करने के बाद दोषी साबित होने तक किसी भी व्यक्ति को निर्दोष माना जाना चाहिए और जमानत देना नियम है जबकि जमानत से इंकार करना अपवाद. जमानत का उद्देश्य सुनवाई में आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना होता है और जमानत को सजा के दौर पर रोककर नहीं रखा जा सकता.’

अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये का जमानती मुचलका भरने तथा इतनी ही राशि का एक जमानतदार देने का निर्देश दिया. इसके अलावा, अदालत ने भास्कररमण को बिना अनुमति देश छोड़कर नहीं जाने तथा इस मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को धमकी नहीं देने का निर्देश दिया.

भास्कररमण को 16 फरवरी को राजधानी के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने सीए से जांच एजेंसी द्वारा जरूरत पड़ने पर जांच में सहयोग करने तथा जांच अधिकारी के सामने अपना पासपोर्ट जमा कराने का भी निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘इसके अलावा आवेदक के खिलाफ कोई स्पष्ट आरोप नहीं है कि उन्होंने अपराध में मुख्य आरोपी कार्ति पी चिदंबरम की मदद की.’

भास्कररमण ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है और उन्हें हिरासत में रखकर कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. ईडी द्वारा हिरासत में पूछताछ के बाद सीए को 26 फरवरी को जेल भेजा गया था. कार्ति का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा पिछली संप्रग सरकार के दौरान उनके पिता तथा कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए कोष प्राप्ति के लिए 2007 में उसे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामले में सामने आया.

निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने इससे पहले अदालत को बताया था कि जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि भास्कररमण ने भारत और विदेश में ‘गैरकानूनी रूप से प्राप्त संपत्ति’ ठिकाने लगाने में कार्ति की मदद की थी. अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी की यह चिंता भी गैरजरूरी लगती है कि आरोपी गवाहों को प्रभावित या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.

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