Loading election data...

कॉल ड्राॅप मामले में ट्रार्इ ने टेलीकाॅम कंपनियों को जारी किया कारण बताआे नोटिस

नयी दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि कुछ दूरसंचार परिचालकों को कॉल ड्राॅप के मामले में सेवा गुणवत्ता के नये नियमों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उन्हें इस सप्ताह तक जवाब देने को कहा गया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण( ट्राई) के चेयरमैन आरएस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2018 10:14 AM

नयी दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि कुछ दूरसंचार परिचालकों को कॉल ड्राॅप के मामले में सेवा गुणवत्ता के नये नियमों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उन्हें इस सप्ताह तक जवाब देने को कहा गया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण( ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने उन कंपनियों का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा करना नहीं चाहता. उन्होंने उन कंपनियों के नाम बताने से मना कर दिया, जिसे कारण बताओ नोटिस दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि नियामक मानदंडों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों का नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहेगी.

इसे भी पढ़ेंः एक सप्ताह के अंदर काॅल ड्राॅप का नया नियम लायेगा ट्रार्इ

ट्रार्इ प्रमुख आरएस शर्मा ने कहा कि संशोधित गुणवत्ता सेवा मानदंडों का पालन नहीं करने को लेकर विशिष्ट सर्किलों के लिए संबंधित कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. आकलन में नये और अधिक कड़े कॉल ड्राॅप नियमों को मानक बनाया गया है, जो एक अक्तूबर, 2017 में प्रभाव में आया. इन मानदंडों के तहत दिसंबर तिमाही में पहली बार कंपनियों ने अपने नेटवर्क डेटा के बारे में जानकारी दी.

नये नियमों के अंतर्गत दूरसंचार कंपनियों को कॉल ड्राॅप के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है. इसका आकलन मोबाइल टावर के स्तर पर किया जायेगा न कि दूरसंचार सर्किल के स्तर पर. उन्होंने कहा कि संबंधित दूरसंचार कंपनियों के जवाब ओने के बाद ट्राई एक महीने में कार्रवाई के बारे में निर्णय करेगा. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितनी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं.

शर्मा ने कहा कि प्रक्रिया के तहत हमने उन्हें कुछ समय दिया है. जवाब देने की समयसीमा इस सप्ताह समाप्त हो रही है. कंपनियों को नोटिस अक्तूबर-दिसंबर 2017 में उनके नेटवर्क के प्रदर्शन के आधार पर दिये गये हैं. यह पूछे जाने पर कि नियामक के पास जो आंकड़े हैं, क्या उससे कॉल ड्राॅप की स्थिति खराब होने का पता चलता है. इस पर शर्मा ने कहा कि मैं इस पर कोई सामान्य सा बयान नहीं दे सकता, क्योंकि कोई सर्किल हो सकता है जहां स्थिति खराब हुई है, लेकिन कुछ सर्किल ऐसे भी हो सकते हैं, जहां चीजें बेहतर हुई हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version