फेसबुक में डेटा लीक का मामला सामने आने के बाद कंपनी के शेयर सात प्रतिशत तक टूट गये और मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली इस कंपनी को 35 अरब डॉलर का नुकसान हो गया. दुनिया इस खबर से हैरान है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मार्क जुकरबर्ग के बीच मुद्दों पर विवाद पुरानी बात है. कई ऐसे मौके आये हैं, जब जुकरबर्ग ने ट्रंप की तीखी आलोचना की है. अब नया मामला डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी टीम के साथ काम करने वाले डेटा एनालिटिक्स फर्म को सस्पेंड करने का है. फेसबुक ने उक्त फर्म पर आरोप लगाया है कि सोशन मीडिया साइट से पांच करोड़ प्रोफाइल की जानकारियां चुनाव के दौरान चुरायी गयी. फेसबुक ने एनालिटिक्स फर्म कैंब्रिज एनालिटिका और एक यूके बेस्ड प्रोफेसर अलेक्जेंडर कोगन को सस्पेंड किया है.
यह जानकारी मीडिया में आने के बाद अमेरिकी व यूरोपीय सांसदों ने यह जानना चाहा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ट्रंप को चुनाव लड़ने में किस तरह मदद की. ध्यान रहे कि फेसबुक ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी यह कहा था कि उसके प्लेटफार्म का रूस के लोगों ने किस तरह रूसी लोगों ने प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग किया है.
दरअसल, प्रोफेसर कोगन ने एक पर्सनालिटी प्रेडिक्टर ऐप तैयार किया है और उसके जरिये उन्होंने जानकारियां चुरायी है. फेसबुक ने आरोप लगाया है कि 2.70 लाख लोगों ने दिस इज योर डिजिटल लाइफ एप डाउनलोड किया है अौर इस एप के जरिये लोगों की जानकारियां चुरायी गयी हैं. इतना ही नहीं जिन लोगों ने यह एप डाउनलोड किया, उनके फेसबुक फ्रेंड्स की भी जानकारियां चोरी की गयीं.
यूजर को भी नहीं लगी भनक
दरअसल, इस एप को इतने कुशल ढंग से तैयार किया गया है कि यूजरों को इसका पता नहीं चला कि इसके जरिये उनकी जानकारियां चुरायी जा रही हैं. फेसबुक ने आरोप लगाया कि कोगन ने इन जानकारियाें को कैंब्रिज एनालिटिका तक पहुंचा कर प्लेटफॉर्म की नीतियों का उल्लंघन किया है. इस मामले में जांच भी शुरू हुई है.
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