सुप्रीम कोर्ट से भी आर काॅम को लगा झटका, बड़े भार्इ के हाथों संपत्ति नहीं बेच सकेंगे अनिल अंबानी
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर रिलायंस कम्युनिकेशंस की संपत्ति को आर जियो को बेचने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने आर काॅम की संपत्ति की बिक्री पर बंबई […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर रिलायंस कम्युनिकेशंस की संपत्ति को आर जियो को बेचने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने आर काॅम की संपत्ति की बिक्री पर बंबई हार्इकोर्ट द्वारा लगायी गयी रोक हटाने से इंकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट संपत्ति की बिक्री पर हार्इकोर्ट की रोक के आदेश पर बैंकों के कंसोर्टियम और आर काॅम की अपीलों पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगा.
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भारतीय स्टेट बैंक ने बुधवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी. इस आदेश को बंबई हार्इकोर्ट ने सही ठहराया था. न्यायाधिकरण ने आर काॅम की एकीकृत संपत्ति पर अपना दावा करने की एरिक्सन को अनुमति दे दी थी. आर काॅम पर भारतीय ऋणदाताओं का 42 हजार रुपये बकाया है. आर काॅम कंसालिडेटेड में अनिल अंबानी समूह की रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकाम शामिल हैं.
भारतीय ऋणदाताओं में स्टेट बैंक के अलावा बैंक आॅफ बडोदा, बैंक आॅफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, काॅरपोरेशन बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम ओर बार्कलेज बैंक इस संयुक्त ऋणदाता फोरम में शामिल हैं. इन्होंने आर काॅम कंसालिडेटेड की संपत्तियों की नीलामी के माध्यम से बिक्री की प्रक्रिया शुरू की थी. रिलायंस जियो इंफोकाॅम स्पेक्ट्रम, सेल टावर और 1.78 लाख किलोमीटर की फाइबर लाइन सहित दूसरी सुविधाओं को 17,300 करोड़ रुपये में खरीदने पर राजी हो गया था.
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