संकटग्रस्त बिनानी सीमेंट को एनसीएलटी से मिली राहत, अदालत से बाहर मामला निपटाने का निर्देश

कोलकाता : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण( एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ ने ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) से कहा है कि क्या वह न्यायाधिकरण से बाहर मामले के निपटान के लिए कर्ज में फंसी बिनानी सीमेंट की मूल कंपनी बिनानी उद्योग के आवेदन पर विचार कर सकती है. एनसीएलटी न्यायाधीश ने यह दलील दी कि ऋणदाताओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 7:41 PM

कोलकाता : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण( एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ ने ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) से कहा है कि क्या वह न्यायाधिकरण से बाहर मामले के निपटान के लिए कर्ज में फंसी बिनानी सीमेंट की मूल कंपनी बिनानी उद्योग के आवेदन पर विचार कर सकती है. एनसीएलटी न्यायाधीश ने यह दलील दी कि ऋणदाताओं के हित में समिति (सीओसी) इस पर विचार कर सकती है. मामले पर अगली सुनवाई के लिए दो अप्रैल की तारीख तय की गयी है.

बिनानी उद्योग के शेयरधारकों की तरफ से मामले में पेश अधिवक्ता ने पीठ के समक्ष कहा कि कंपनीको ऋणदाताओंको दो सप्ताह के भीतरभुगतान का जरिया मिल गया है. ऋणदाताओं में ज्यादातर बैंक हैं. बिनानी उद्योग की कंपनी में 98 फीसदी हिस्सेदारी है. इस पर आपत्ति जताते हुए सीओसी के वकील ने कहा कि बिनानी उद्योग तीसरा पक्ष है और वह समाधान प्रक्रिया से जुड़ी नहीं है. सीओसी वकील ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद क्या समाधान प्रक्रिया रोकी जा सकती है और क्या इसकी ऋणशोधन एवं दिवाला संहिता के तहत अनुमति है.

इस पर बिनानी इंडस्ट्रीज ने कहा कि एनसीएलटी के पास उसके आवेदन पर विचार करने की शक्ति है. हालांकि, डालमिया भारत सीमेंट के वकील ने इस दलील का विरोध किया. वकील ने कहा कि यह पेशकश गंभीर नहीं है, क्योंकि वे प्रक्रिया से जुड़े नहीं है. हालांकि, एनसीएलटी न्यायाधीश ने इस दलील से सहमति नहीं जतायी. उन्होंने कहा कि 98 फीसदी हिस्सेदारी वाली इकाई बाहरी नहीं हो सकती.

गौरतलब है कि डालमिया भारत ने बिनानी सीमेंट के लिए 6,500 करोड़ रुपये की पेशकश की है. वहीं, आदित्य बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक ने 7,200 करोड़ रुपये की पेशकश की है. बिनानी सीमेंट के ऊपर ऋणदाताओं का करीब 7,000 करोड़ रुपये बकाया है.

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