बिहार-झारखंड समेत छह राज्यों में हर घर बिजली पहुंचाने के लिए दी जायेगी ट्रेनिंग
नयी दिल्ली : बिहार-झारखंड समेत देश के छह राज्यों में सौभाग्य योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचाने के लिए बिजली मंत्रालय की ओर से प्रशिक्षण देने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. बिजली मंत्रालय ने सभी घरों को बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में तेजी लाने तथा गांवों में युवाओं को जरूरी प्रशिक्षण […]
नयी दिल्ली : बिहार-झारखंड समेत देश के छह राज्यों में सौभाग्य योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचाने के लिए बिजली मंत्रालय की ओर से प्रशिक्षण देने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. बिजली मंत्रालय ने सभी घरों को बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में तेजी लाने तथा गांवों में युवाओं को जरूरी प्रशिक्षण देने एवं उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ गठजोड़ किया है.
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यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सौभाग्य योजना में तेजी से क्रियान्वयन के लिये इस भागीदारी के जरिये छह राज्य असम, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओड़िशा तथा उत्तर प्रदेश में कार्यबल को प्रशिक्षित किया जायेगा. सौभाग्य (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना) का मकसद समयबद्ध तरीके से देश में सभी घरों को बिजली पहुंचाना है. करीब 16,320 करोड़ रुपये की इस योजना के अंतर्गत चार करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है.
इस बारे में बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि सौभाग्य के अंतर्गत सरकार के विद्युतीकरण कार्यक्रम के तेजी से क्रियान्वयन में कुशल कार्यबल की कमी एक बड़ी समस्या है. ऐसे में इस भागीदारी से समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि बिजली क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये प्रशिक्षित कार्यबल की जरूरत है और अकेले केवल सौभाग्य के लिए 35,000 से अधिक प्रशिक्षित कार्यबल की आवश्यकता है.
इस मौके पर प्रधान ने कहा कि सौभाग्य योजना पर 16,000 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है. इसमें से 25 फीसदी मजदूरी और परियोजना के लिये जरूरी मानव संसाधन पर खर्च किये जाने की संभावना है. कुशल कामगारों के लिए यह एक बड़ा अवसर है और हम इसके लिए बिजली मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेंगे. बयान के अनुसार, इस भागीदारी की शुरुआत राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये की गयी. इसमें संबंधित राज्य सरकारों के मंत्रियों समेत अन्य लोग मौजूद थे.
योजना के तहत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत एक विशेष परियोजना छह राज्यों में शुरू की गयी है. इसके अंतर्गत करीब 47,000 वितरण लाइनमैन-विभिन्न कुशलता वाले कामगारों तथा 8,500 तकनीकी सहायकों (टेक्निकल हेल्पर) को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
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