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ICICI-Videocon Case : सीबीआई ने बैंक अधिकारियों से की पूछताछ, 3,250 करोड़ का है मामला

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को दिये गये 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में हुई अनियमितता का पता लगाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की. सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में बैंक ऋण मुहैया कराने के बदले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2018 4:30 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को दिये गये 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में हुई अनियमितता का पता लगाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की. सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में बैंक ऋण मुहैया कराने के बदले में क्या कोई मदद की गयी. सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि वे इससे संबंधित दस्तावेजों का भी अध्ययन कर रहे हैं.

यदि किसी भी तरह की गड़बड़ी के सबूत मिले तो आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर एवं अन्य लोगों को विस्तृत पूछताछ के लिए समन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस ऋण को मंजूरी देने में शामिल नोडल अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किये जा चुके हैं. यह छह सप्ताह पहले दर्ज प्राथमिक जांच (पीई) के आधार पर किया गया.

पीई में वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर एवं अन्य को नामजद किया गया है. इस ऋण को तब सूर्खियां मिली जब कुछ खबरों में सवाल उठाये गये कि वीडियोकॉन को दिये गये इस कर्ज में मदद के बदले मदद का मामला शामिल है. इन मीडिया रिपोर्टों में वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत का संबंध दीपक कोचर की बनायी कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबल्स से जोड़ा गया.

इस सप्ताह की शुरुआत में आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल ने चंदा कोचर का पक्ष लेते हुए कहा कि उसे चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है. निदेशक मंडल ने कहा कि वीडियोकॉन को दिये गये ऋण के संबंध में आ रही खबरें उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली अफवाहें हैं. बैंक ने बयान में कहा था कि निदेशक मंडल ने ऋण की मंजूरी देने की आंतरिक प्रक्रिया की समीक्षा भी की और उसे उत्कृष्ट पाया. इस ऋण के संबंध में बैंक ने कहा कि यह बैंकों के समूह द्वारा दिये गये कुल कर्ज का एक हिस्सा भर है. उसने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक इसमें मुख्य कर्जदाता नहीं है.

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