ICICI बैंक लोन विवाद : चंदा कोचर के पति से रिश्तों पर वीडियोकॉन के चेयरमैन धूत ने दी सफाई

मुंबई/ नयी दिल्ली : आइसीआइसीआइ बैंक से कर्ज प्राप्त करने के बदले में कथित तौर पर मदद पहुंचाने के मामले में सीबीआइ जांच के घेरे मेंआये वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा कि वह ऋण मंजूर करने वाली समिति के सभी 12 सदस्यों को जानते हैं और कहा दो लोगों के बीच व्यक्तिगत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2018 4:13 PM

मुंबई/ नयी दिल्ली : आइसीआइसीआइ बैंक से कर्ज प्राप्त करने के बदले में कथित तौर पर मदद पहुंचाने के मामले में सीबीआइ जांच के घेरे मेंआये वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा कि वह ऋण मंजूर करने वाली समिति के सभी 12 सदस्यों को जानते हैं और कहा दो लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंध होने का परिणाम हमेशा आपराधिक कृत्य नहीं होता है.

रिपोर्टों में वीडियोकॉन समूह कोकर्ज मुहैया कराने के बदले आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर मदद पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

आइसीआइसीआइ बैंक ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था जो कि बाद में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गया. मामले में विवाद खड़ा होने पर बैंक खुद कोचर के बचाव में आ गया. वीडियोकॉन समूह पर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश का आरोप लगा है.

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चंदा कोचर ऋण समिति की सिर्फ सदस्य थीं

आइसीआइसीआइ बैंक से कर्ज मामले में चंदा कोचर से जुड़े सवाल पर धूत ने कहा कि इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं था. वहकर्ज मंजूर करने वाली 12 सदस्यीय समिति की एक सदस्य मात्र थी, जिस समिति ने वीडियोकॉन समूह का 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था. धूत ने दावा किया कि वह सभी 12 सदस्यों को जानते हैं और बैंक के पूर्व चेयरमैन केवी कामत (समिति के प्रमुख) के साथ तो वह अक्सर दोपहर में भोजन करते रहे हैं.

मराठी टीवी चैनल एबीपी मांझा को दिए साक्षात्कार में धूत ने कहा कि दोनों लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंधों का नतीजा हमेशा आपराधिक कृत्य नहीं होता है. इस मामले में सीबीआइ की प्रारंभिक जांच पर धूत ने कहा कि एजेंसी " फर्जी शिकायतों" सहित सभी आरोपों की जांच कर रही है. सीबीआइ ने 2012 में विडियोकॉन समूह को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में हुई अनियमितता का पता लगाने के लिए आइसीआइसीआइ बैंक के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की. सीबीआइ यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में बैंक ऋण मुहैया कराने के बदले में क्या कोई मदद की गयी.

प्रारंभिक जांच में विडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर एवं अन्य को नामजद किया गया है. धूत ने’ पीटीआइ-भाषा’ से कहा कि आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण तेल एवं गैस क्षेत्र में परियोजनाओं की योग्यता पर आधारित था.

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