आइसीआइसीआइ बैंक चीफ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं?

मुंबई : आइसीआइसीआइ बैंक की एमडी व सीइओ चंदा कोचर आजकल चर्चा में हैं. देश के सबसे सफल बैंकर में शामिल चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह व अपने परिवार की साझे स्वामित्व वाली एक कंपनी को बैंक से दिये गये लोन के संबंध में सवाल उठाया जा रहा है. हालांकि आइसीआइसीआइ बैंक की बोर्ड ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2018 12:46 PM

मुंबई : आइसीआइसीआइ बैंक की एमडी व सीइओ चंदा कोचर आजकल चर्चा में हैं. देश के सबसे सफल बैंकर में शामिल चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह व अपने परिवार की साझे स्वामित्व वाली एक कंपनी को बैंक से दिये गये लोन के संबंध में सवाल उठाया जा रहा है. हालांकि आइसीआइसीआइ बैंक की बोर्ड ने चंदा कोचर को क्लीन चिट दे दी है. चंदा कोचर पर आरोप यह लगाया जा रहा है कि उन्होंने न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स नामककंपनीको 3250 करोड़ रुपये का 2012 में कर्ज दिलाया, जिसका मालिकाना चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत के पास है. धूत ने कल यह बयान दिया है कि जब बैंक से कंपनी को लोन मिला उस समय चंदा कोचर लोनएप्रूवकरने वाली कमेटी की सदस्यमात्र थीं और वे उसके सभी सदस्यों को जानते हैं. इस पूरे विवाद के कारण चंदा कोचर के पति दीपक कोचर भी चर्चा में हैं और उनसे जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं. इस कर्ज को बाद में एनपीए में तब्दील कर दिया गया था.


जमनालाल इंस्टीट्यूट में मिले थे दीपक व चंदा

दीपक कोचर का पूरा नाम दीपक वीरेंद्र कोचर है और वे चंदा आडवाणी (चंदा कोचर का मूल नाम) से तब मिले जब दोनों पढ़ाई के लिए मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्डडीज में पहुंचे. यहां हुई जान-पहचान गहरे रिश्तों में तब्दील हुई और फिर वह शादी तक पहुंची. इस संस्थान से दीपक कोचर ने मास्टर डिग्री हासिल की. उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से भी पढ़ाई की है और वहां से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम में ग्रेजुएट हैं.

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पहले क्या करते थे दीपक कोचर?

दीपक कोचर फिनांशियल सर्विस एंटरप्रेन्योर रहे हैं. वे फिनांस सेक्टर के प्रोफेशनल रहे हैं और अपनी पत्नी की तरह कभी सुर्खियों में नहीं रहे. 2008 के पहले उन्हें व उनकी कंपनी पेसिफिक कैपिटल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को कम ही लोग जानते थे. बिजनेस टुडे की एक खबर के अनुसार, इस फिनांस सर्विस कंपनी की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी नीलम आडवाणी के पास और दस प्रतिशत हिस्सेदारी वीरेंद्र कोचर के पास थी. नीलम आडवाणी चंदा कोचर के भाई महेश आडवाणी की पत्नी हैं और वीरेंद्र कोचर दीपक कोचर के पिता हैं.

2008 में दीपक कोचर ने बनायी कंपनी

दीपक कोचर ने 2008 में न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनायी और वे इसके संस्थापक व सीइओ हैं. 24दिसंबर 2008 से वे इस कंपनी के डायरेक्टर के पद पर हैं.इसकंपनी की शुरुआत 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले एक ज्वाइंट वेंचर के रूप में हुआ था. वैकल्पिक ऊर्जा के लिए काम करने वाली इस कंपनी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुधूत गोपाल के परिवार के पास और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी कोचर व आडवाणी परिवार के पास थी. उन दिनों चंदा कोचर आइसीआइसीआइ बैंक में सीएफओ और ज्वाइंट एमडी थीं.

स्क्वाश के शौकीन हैं दीपक कोचर

दीपक कोचर एक शौकीन स्क्वाश प्लेयर हैं. उन्होंने इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों भी हासिल की हैं. अपने ब्लाॅग में उन्होंने यह बताया था कि न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स का सपना ग्रामीण भारत में बिजली के संकट को दूर करना है.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, वह 2022 तक 160 मेगावाट पवन और सौर ऊर्जा के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाना चाहती है.

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2016 में छोड़ दिया एमडी का पद

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के अनुसार, दीपक कोचर ने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में कंपनी से साढ़े तीन करोड़ रुपये का वेतन लिया, लेकिन इसके बाद उन्होंने कोई वेतन नहीं लिया और फिर अप्रैल 2016 में उन्होंने कंपनी के एमडी का पद छोड़ दिया, हालांकि निदेशक बने रहे. हालांकि इसके बाद कई लोगों ने कंपनी ने इस्तीफे दिये.

दरअसल, पवन ऊर्जा क्षेत्र में सरकार कई रियायतें देती हैं और इसके मेंटेनेंस पर भी कम खर्च होता है. भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत पर दुनिया भर की सरकारों का जोर है और यह जोर ही नये एंटरप्रेन्योर या पुराने जमे-जमाये कारोबारियों को इस क्षेत्र में काम करने के लिए आकर्षित करता है.

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