जब देश टाटा मोटर्स को विफल कंपनी के रूप में देखे तो दुख होता है: रतन टाटा
नयी दिल्ली : टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने आज टाटा मोटर्स के कर्मचारियों से कहा कि वे फिर से इस कारोबार की प्रमुख कंपनी बनने की योजना बनायें. उन्होंने कहा कि पिछले चार पांच साल में समूह की इस कंपनी की बाजार भागीदारी घटी है और जब देश इसे विफल कंपनी के […]
नयी दिल्ली : टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने आज टाटा मोटर्स के कर्मचारियों से कहा कि वे फिर से इस कारोबार की प्रमुख कंपनी बनने की योजना बनायें.
उन्होंने कहा कि पिछले चार पांच साल में समूह की इस कंपनी की बाजार भागीदारी घटी है और जब देश इसे विफल कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है. वे पुणे में कंपनी कर्मचारियों के एक सालाना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
हर नये वित्त वर्ष की शुरुआती में होने वाला यह पारंपरिक कार्यक्रम लगभग पांच साल के अंतर के बाद आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि चेयरमैन एन चंद्रशेखरन व प्रबंध निदेशक गुएंतर बुशचेक के नेतृत्व में टाटा मोटर्स भविष्य में आगे बढ़ना जारी रखेगी.
टाटा मोटर्स से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए रतन टाटा ने कहा, टाटा मोटर्स से जुड़ा होना गर्व की बात है. नये वाहन बनाना हो, यात्री कार खंड में उतरना हो या नयी प्रणाली बनाना हो.
ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे हासिल करने के लिए हमने अपना सर्वस्व नहीं झोंका. हाल ही के वर्षों में कंपनी की बाजार भागीदारी में गिरावट पर टिप्पणी करते हुए रतन टाटा ने कहा, मुझे दुख होता है जब हमने बीते चार पांच साल में बाजार भागीदारी गंवा दी और हम एक ऐसी कंपनी बन गये, जिसे देश विफल कंपनी के रूप में देखने लगा.
टाटा मोटर्स का एकल सकल कारोबार 2016-17 में 3.6 प्रतिशत बढ़कर 49,100 करोड़ रुपये रहा, जो कि इसी दौरान उसका एकल आधार पर कर बाद नुकसान 2480 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 62 करोड़ रुपये था.
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