नयी दिल्ली: डीजल की कीमत ऐतिहासिक रूप से शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है जबकि पेट्रोल की कीमत पांच वर्ष के उच्चतम स्तर पर चली गयी है. इसी बीच केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार का प्रयास जल्द ही इन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का है. यदि ऐसा होता है, तो दोनों ईंधन अपने आप सस्ते हो जाएंगे.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत स्टेज (बीएस) छह मानक के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में प्रधान ने कहा कि दोनों ईंधनों की कीमत बढ़ने पर सरकार भी उतनी ही चिंतित है, जितना की जनता परेशान है. लेकिन इनकी कीमत कम करने के लिए तत्काल कुछ नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश धीरे-धीरे रंग लाती नजर आ रही है. इस विषय पर पहले जीएसटी परिषद कोई बात सुनने को तैयार नहीं था, लेकिन अब इस पर चर्चा की सहमति बढ़ रही है. प्रधान ने कहा कि हमने अपील की है कि जीएसटी परिषद में इससे संबंधित प्रस्ताव लाकर इसे पारित कराया जाए. सरकार के लिए ग्राहकों का हित सबसे पहले है, लेकिन उसे सभी पक्ष को देखना पड़ता है.
आपको बता दें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत एक दिन पहले के मुकाबले 10 पैसे बढ़कर 73.83 रुपये प्रति लीटर पर थी, जो 14 सितंबर, 2013 के बाद का सर्वाधिक स्तर है. उस समय पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये पर पहुंच गयी थी. वहीं सोमवार को डीजल की कीमत भी 11 पैसे प्रति लीटर चढ़कर प्रति लीटर 64.69 रुपये पर पहुंची, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है.
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