नयी दिल्ली : विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जब्त संपत्ति का अब सरकार उपयोग कर सकेगी. इन संपत्तियों को सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेडयानीएनबीसीसी को सौंप दिया जाएगा और वह इसे किराये व लीज पर दे सकेगी. अबतक ये संपत्तियां यूं ही सालों पड़ी रहती हैं और इनका कोई उपयोग नहीं हो पाता है. जिन मामलों में फैसला आ चुका है, उनकी संपत्ति पर एनबीसीसी पूरी तरह से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा, वहीं जिन संपत्तियों से जुड़े मामले की जांच चल रही होगी, उसे वह लीज पर दे सकेगा. इस संबंध में हाल में वित्त मंत्रालय में प्रवर्तन निदेशालय व रेवेन्यू विभाग के साथ बैठक भी हुई है.
शुरुआत में यह प्रक्रिया प्रवर्तन निदेशालय से शुरू की जाएगी. प्रवर्तन निदेशालय ने जो संपत्तियां जब्त की हैं, उन्हें एनबीसीसी को सौंप दिया जाएगा और फिर एनबीसीसीकिरायेयालीज पर उसका उपयोग कर सकेगा. ये वैसी संपत्तियां होंगी जो जांच के दौरान जब्त की गयी हैं. वहीं, जिन मामलों की जांच हो चुकी है और अंतिम निर्णय आ चुका है, उससे जुड़ी संपत्ति के संबंध में एनबीसीसी किसी तरह का अंतिम फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगी.
इस नये नियम से पीएनबी घोटाले के आरोपी ललित मोदी व लोन डिफॉल्टर विजय माल्या जैसों की इडी द्वारा जब्त संपत्ति एनबीसीसी को सौंपी जाएगी. बाद में यह प्रक्रिया सीबीआइ, आयकर विभाग, पुलिस आदि के द्वारा जब्त की गयी संपत्ति के लिए भी लागू की जाएगी.
अभी 25 हजार एकड़ जमीन जब्त की हुई है और एक हजार से अधिक की पहचान की गयी है, जिसकी जिम्मेवारी एनबीसीसी को सौंपी जाएगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.