विश्व बैंक ने कहा – इनोवेशन को बढ़ावा मिले, तो पांच साल में सिलिकॉन वैली से आगे निकल जायेेगा भारत

नयी दिल्ली : विश्व बैंक के प्रमुख (भारत) जुनैद कमाल अहमद भारत में भी अपने यहां सिलिकॉन वैली की तरह नवोन्मेषी कंपनियों का गढ़ स्थापित करने की क्षमता है, पर देश में नवप्रवर्तन (इनोवेशन) के अनुकूल परिस्थितियों के विस्तार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत को नवोन्मेषण पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 5:44 PM

नयी दिल्ली : विश्व बैंक के प्रमुख (भारत) जुनैद कमाल अहमद भारत में भी अपने यहां सिलिकॉन वैली की तरह नवोन्मेषी कंपनियों का गढ़ स्थापित करने की क्षमता है, पर देश में नवप्रवर्तन (इनोवेशन) के अनुकूल परिस्थितियों के विस्तार की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत को नवोन्मेषण पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाना होगा क्योंकि यह मध्यम आय वर्ग वाला देश बनने की ओर अग्रसर है.

उन्होंने कहा कि जहां तक नवोन्मेषण का सवाल है, भारत के लिए यह काफी तार्किक सवाल है, क्योंकि यह निम्न मध्यम आय से उच्च आमदनी वाले देश बनने की ओर अग्रसर है.

विकासशील देशों में नवोन्मेषण पर विश्व बैंक की रिपोर्ट जारी करते हुए अहमद ने कहा, मुझे लगता है कि भारत पांच साल में सिलिकॉन वैली जैसा बन सकता है. दुनिया बदल रही है. हम छलांग लगा सकते हैं.

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (समानता वाली वृद्धि, वित्त और संस्थान) विलियम एफ मालोनी ने कहा कि विकासशील देशों में राष्ट्रीय नवोन्मेषण प्रणाली की अवधारणा का विस्तार होना चाहिए.

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