आधार नंबर नहीं करना चाहते उजागर, वर्चुअल आर्इडी का करें इस्तेमाल, 5 प्वाइंट में जानिये तरीका…
नयी दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआर्इडीएआर्इ) की आेर से देश के नागरिकों के लिए जारी होने वाला विशिष्ट पहचान आधार नंबर आज सबसे महत्वपूर्ण है. आज हर सरकारी आैर निजी कामों में इसका इस्तेमाल जरूरी होता जा रहा है. एेसे में यह भी सामने आता है कि आधार संख्या सार्वजनिक होने पर उसमें […]
नयी दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआर्इडीएआर्इ) की आेर से देश के नागरिकों के लिए जारी होने वाला विशिष्ट पहचान आधार नंबर आज सबसे महत्वपूर्ण है. आज हर सरकारी आैर निजी कामों में इसका इस्तेमाल जरूरी होता जा रहा है. एेसे में यह भी सामने आता है कि आधार संख्या सार्वजनिक होने पर उसमें फीड डाटा की चोरी होने या उसके नुकसान होने का भय भी बना रहता है. अगर आपके मन में एेसा ही डर पैदा हो रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. यूआर्इडीएआर्इ ने आधार नंबर का तकनीकी तौर पर मजबूत लोगों या फिर हैकरों की आेर से बेजा इस्तेमाल से बचने के लिए एक नया तरकीब इजाद करने का दावा किया है आैर वह है वर्चुअल आर्इडी.
इसे भी पढ़ेंः ‘आधार’ नहीं बनवानेवाले अपराधी नहीं : सुप्रीम कोर्ट
इस वर्चुअल आर्इडी के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि यदि आप किसी दुकानदार या एजेंसी को अपना आधार नंबर नहीं देना चाहते हैं, यदि आपको इसके दुरुपयोग होने का डर है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है. इसका कारण यह है कि अब इसका विकल्प आ गया है. यह विकल्प आधार वर्चुअल आईडी (वीआईडी) के रूप में मौजूद है. वीआईडी से आपको निजी और सरकारी संस्थानों को अपना आधार नंबर दिये बगैर लेन-देन और ई-केवाईसी सेवाओं को प्रमाणित करने की सहूलियत मिलती है.
क्या है वीआर्इडीॽ
दरअसल, आधार नंबर 12 अंकों का होता है, लेकिन वर्चुअल आईडी 16 अंकों का अस्थायी नंबर होता है. इसे कभी भी जेनरेट किया जा सकता है. सत्यापन के लिए वर्चुअल आर्इडी का इस्तेमाल ठीक वैसे ही किया जा सकता है जैसे आधार नंबर का होता है. वीआईडी को यूआईडीएआई के पोर्टल पर जेनरेट कर सकते हैं.
चूंकि, वर्चुअल आर्इडी डिजिटल आईडी है, इसलिए आधार रखने वाला व्यक्ति इसे कई बार जेनरेट कर सकता है. यही बात इसे ज्यादा सुरक्षित बनाती है. अभी वर्चुअल आईडी सिर्फ एक दिन के लिए वैध रहती है. इसका मतलब यह है कि आधार धारक वर्चुअल आर्इडी जेनरेट होने के एक दिन बाद ही नयी वर्चुअल आईडी बना सकते हैं.
मीडिया की खबरों में दावा यह भी किया जा रहा है कि नया बैंक खाता खोलने, सरकारी सब्सिडी पाने, तत्काल पासपोर्ट का आवेदन करने और नर्इ बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आधार अनिवार्य है. इन सभी मामलों में आप अपना आधार नंबर देने के बजाय 16 अंकों वाली वर्चुअल आर्इडी दे सकते हैं.
कैसे करें जेनरेट?
यूआईडीएआई के होमपेज पर आधार सेवाओं के तहत वीआईडी जनरेटर पर जायें.
अपना आधार नंबर, सिक्योरिटी कोड यानी कैप्चा दर्ज करके ‘सेंड ओटीपी’ पर क्लिक करें.
आपको अपने यूआईडीएआई रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिलेगा.
ओटीपी को दर्ज करें. आपके पास नया वीआईडी या पहले से जनरेट किये गये वर्चुअल आर्इडी को दोबारा प्राप्त करने का विकल्प होगा.
चुने गये विकल्प को जमा करने पर आपको अपने मोबाइल नंबर पर वर्चुअल आईडी मिल जायेगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.