नयी दिल्ली : सरकार ने देश में बढ़ती पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का ठीकरा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर फोड़ा है. पेट्रेालियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद हवार्इ अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही है. उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में इजाफा होता है, तो भारत में भी पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हाेती है.
उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दाम कम हुए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने से यहां पर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हुर्इ है. इसके साथ ही, उन्होंने लगे हाथ सरकार की मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय यह चाहता है कि पेट्रोलियम पदार्थों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाये.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हालांकि यह विषय रहता है कि पेट्रोलियम पदार्थ पर इतना टैक्स क्यों है. पेट्रोलियम मंत्रालय जीएसटी काउंसिल को बार बार अनुरोध कर रहा है तथा सुझाव दे रहा है कि जीएसटी काउंसिल इस विषय पर निर्णय करे कि पेट्रोलियम पदार्थ भी धीरे-धीरे जीएसटी के अंतर्गत आ जाये. प्रधान ने कहा कि राज्यों में भी धीरे-धीरे मन बनाया जा रहा है. शुरुआत में जीएसटी के स्वरूप और राज्य की आय को लेकर चिंता थी, लेकिन धीरे-धीरे जीएसटी की सफलता सामने है. पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि पेट्रोलियम पदार्थ भी जीएसटी के दायरे में आये.
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के कर्नाटक में दिये गये बयान को लेकर आरोप लगाया कि वह गैर-जिम्मेदार राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि इतने बड़े राष्ट्रीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बाद झूठ कहना और अफवाह फैलाना, षड्यंत्र करना तथा समाज में तनाव पैदा करने का काम करना यह प्रजातंत्र में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. प्रधान ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने डाक्टर भीमराव अंबेडकर की आलोचना की थी. प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने अंबेडकर जी का सम्मान बढ़ाया है.