Facebook ने सख्त की पाॅलिसी, चुपके से राजनीतिक विज्ञापन देना नहीं होगा आसान, जानते हैं क्यों…?

नयी दिल्ली : डेटा लीक मामले का सामना कर रहे फेसबुक ने अपनी नीतियों को सख्त कर दिया है. उसने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए एक नया कदम उठाया है आैर वह यह कि यदि कोर्इ फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन का डिस्प्ले करायेगा, तो उस विज्ञापन में उसके एस्पाॅन्सर यानी पैसा देने वाले आदमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2018 1:32 PM

नयी दिल्ली : डेटा लीक मामले का सामना कर रहे फेसबुक ने अपनी नीतियों को सख्त कर दिया है. उसने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए एक नया कदम उठाया है आैर वह यह कि यदि कोर्इ फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन का डिस्प्ले करायेगा, तो उस विज्ञापन में उसके एस्पाॅन्सर यानी पैसा देने वाले आदमी का भी नाम दिखेगा. फेसबुक ने यह कदम एेसे समय में उठाया है, जब उस पर कई देशों में लोकतांत्रिक चुनावों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगा है. ऐसे में फेसबुक की नयी पॉलिसी के अनुसार, हर राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पैसा देने वाली संस्था या लोगों के नाम भी ऐड के साथ जारी किये जायेंगे.

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फेसबुक के अनुसार, सिर्फ यही नहीं विज्ञापन के लिए पैसे देने वाले की सत्यता की भी जांच होगी. फेसबुक की यह कोशिश चुनावों में बाहरी शक्तियों के दखलअंदाजी को कम करने के लिए है. इस पॉलिसी की जानकारी खुद मार्क जुकरबर्ग ने दी. मार्क जकरबर्ग के अनुसार, इस नये सिस्टम के लिए हमें हजारों नये लोगों को नौकरी देनी होगी, लेकिन हम यह पॉलिसी अमेरिका में नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले शुरू कर देंगे.

सबसे पहले अमेरिका से होगी शुरुआत

फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग के अनुसार, सबसे पहले इसकी शुरुआत अमेरिका से हो रही है. इसके बाद इसे दूसरे देशों में लागू किया जायेगा. जुकरबर्ग ने कहा कि इस सिस्टम से पूरी तरह से रोक नहीं लग पायेगी, मगर हां, यह जरूर होगा कि जिस तरह से रूस ने 2016 के चुनावों में फर्जी खाते और पेज के जरिये विज्ञापन चलाये थे, वैसा करना अब आसान नहीं होगा.

विज्ञापन देने वाले को नाम आैर स्थान करना होगा उजागर

इसके साथ फेसबुक ने अपने बयान में कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सोशल मीडिया के जरिए होने वाले राजनीतिक कैंपेनों पर भरोसा बढ़ेगा. किसी भी विज्ञापन को फेसबुक से सत्यापित करवाने के लिए पैसे देने वालों को अपनी पहचान और जगह उजागर करनी होगी. साथ ही, जब तक उनकी सत्यता की जांच नहीं हो जाती, तब तक राजनीतिक विज्ञापन चलाने की अनुमति नहीं होगी.

अगले हफ्ते होगी जुकरबर्ग की पेशी

गौरतलब है कि फेसबुक की यह घोषण जुकरबर्ग की पेशी से एक हफ्ते पहले आयी है. जुकरबर्ग को अमेरिकी कांग्रेस में पेश होना है. उनसे वहां क्रैंब्रिज एनालिटिका द्वारा 87 मिलियन यूजर्स के पर्सनल डेटा लीक मामले में सवाल जवाब किये जायेंगे. क्रैंब्रिज एनालिटिका ने डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव का कैंपेन मैनेज किया था.

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