नयी दिल्ली : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई ) के लिहाज से भारत सबसे पंसदीदा गंतव्यों में से एक है और अगले पांच साल में देश में होने वाला वार्षिक विदेशी निवेश करीब 75 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है . वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी यूबीएस के मुताबिक , भारत में एफडीआई का प्रवाह एक दशक में दोगुना होकर 2016-17 में 42 अरब डॉलर हो गया है.
यूबीएस इन्वेस्टमेंट बैंक के अर्थशास्त्री एडवर्ड टीथर और तनवी गुप्ता जैन द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2017 में एफडीआई के जरिये निवेश में कुछ कमी देखी गयी लेकिन आने वाली तिमाहियों में यह सामान्य हो जाएगा. यूबीएस ने कहा , " हमें उम्मीद है कि भारत में होने वाले वार्षिक एफडीआई अगले पांच साल में बढ़कर करीब 75 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा.
यदि निरंतर संरचनात्मक सुधारों के साथ वृद्धि होती है तो भारत की पहचान विदेशी निवेश के लिहाज से पसंदीदा गंतव्य के रूप में और बढ़ेगी. " रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत को स्थायी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अपने विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लगाने और इसे वैश्विक मूल्य श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनने की जरूरत पर ध्यान देना होगा.
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