MP : थोक मंडियों में टमाटर के दाम निकाल रहे किसानों की जान, नहीं निकल पा रही लागत

सिहोर : केंद्र सरकार की आेर से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाये जाने के लिए की जा रही कवायद के बीच भाजपा शासित राज्य में टमाटर किसानों को उनकी फसल को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. इस वजह से यहां के किसानों को खुले में ही अपना टमाटर फेंकना पड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2018 10:46 AM

सिहोर : केंद्र सरकार की आेर से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाये जाने के लिए की जा रही कवायद के बीच भाजपा शासित राज्य में टमाटर किसानों को उनकी फसल को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. इस वजह से यहां के किसानों को खुले में ही अपना टमाटर फेंकना पड़ रहा है. सूबे में टमाटर का बंपर उत्पादन होने की वजह से मंडियों में इसकी आवक बढ़ी हुर्इ है. यहां के सिहाेर जिले के किसान टमाटर की लागत नहीं निकल पाने की वजह से उन्हें खुले में ही फसल को फेंकना पड़ रहा है.

इस जिले के किसानों का कहना है कि मंडियों में 100 कैरेट टमाटर की बिक्री करने के बाद उन्हें केवल 680 रुपये ही मिल रहे हैं. इन किसानों का कहना है कि सौ कैरेट टमाटर में उनकी लागत 3320 रुपये आती है आैर मंडी में आने पर उन्हें इनकी कीमत के रूप में केवल 680 रुपये ही मिल रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः टमाटर के दाम से हैं परेशान तो टेंशन नहीं लें, ‘स्टेट बैंक ऑफ टमाटर’ है ना

इसके पहले इसी साल फरवरी महीने में भी मध्य प्रदेश की मंडियों में टमाटर की आवक अचानक बढ़ जाने की वजह से किसानों को उनकी लागत का मूल्य नहीं मिल रहा थाु. उस समय भोपाल की मंडी में टमाटर का थोक भाव पांच रुपये प्रति किलो पहुंच गया था, जबकि इंदौर की चौइथराम मंडी में तो टमाटर थोक में दो से चार रुपए तक किलो बिक रहा था. किसानों की शिकायत है कि इस साल उन्हें टमाटर की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version