आधार पर आईएमएफ ने भी उठाये सवाल, कहा : गोपनीयता-सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय करे भारत
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत को आधार जैसे वृहद पहचान कार्यक्रम के क्रियान्वयन में गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. आईएमएफ ने जैविक पहचान प्रणाली के मामले में भारत को अग्रणी बताया है. आईएमएफ ने डिजिटल सरकार पर वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में कहा कि डिजिटलीकरण […]
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत को आधार जैसे वृहद पहचान कार्यक्रम के क्रियान्वयन में गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. आईएमएफ ने जैविक पहचान प्रणाली के मामले में भारत को अग्रणी बताया है.
आईएमएफ ने डिजिटल सरकार पर वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में कहा कि डिजिटलीकरण से मजबूत प्रशासन और वित्तीय पारदर्शिता अमल में लायी जा सकती है. इससे बजट प्रक्रियाओं एवं वित्तीय नीतियों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता एवं जांच भी सुनिश्चित होती है. आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि भारत में जैविक पहचान और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान ने एलपीजी छूट की खामियों को कम करने में मदद की है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘जैविक पहचान प्रणाली आधार में 1.2 अरब पंजीकृत नागरिकों के साथ भारत इस क्षेत्र में अग्रणी है.’ हालांकि, उसने जोर दिया कि सरकार को वृहद पहचान कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गोपनीयता तथा सुरक्षा नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
आईएमएफ ने कहा, ‘विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2009 से 2017 के बीच भारत में आधार के क्रियान्वयन और रख-रखाव पर 1.5 अरब डॉलर यानी 1.25 डॉलर प्रति कार्ड का खर्च आया है. हालांकि, यह अन्य इलेक्ट्रॉनिक पहचान प्रणालियों की अपेक्षा सस्ता है क्योंकि उनके क्रियान्वयन व रख-रखाव का खर्च प्रति कार्ड तीन से छह डॉलर है.’ उसने कहा कि विस्तृत पहुंच के कारण आधार को बंद कर पाना अब मुश्किल है. आईएमएफ ने कहा, ‘आधार के पक्षधर कहते हैं कि यह गोपनीयता के अधिकार के अनुकूल है क्योंकि इसके लिए संग्रहित जैविक सूचनाएं इनक्रिप्टेड हैं. इससे किसी के लिए भी इसमें सेंध लगा पाना मुश्किल हो जाता है.’ उसने कहा, ‘हालांकि, पर्याप्त सुरक्षा प्रावधानों के अभाव में प्रणाली में अनाधिकृत हस्तक्षेप का भी खतरा है.’
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