जानें अप्रैल से आयकर से संबंधित होनेवाले कुछ मुख्य बदलाव के बारे में

नये बजट में आयकर से जुड़े कुछ ऐसे परिवर्तनों का प्रस्ताव किया गया है जिससे आपकी जेब प्रभावित होगी. एक तरफ लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू किया गया, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर राहत दी गयी. वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन साथ ही आयकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2018 7:29 AM

नये बजट में आयकर से जुड़े कुछ ऐसे परिवर्तनों का प्रस्ताव किया गया है जिससे आपकी जेब प्रभावित होगी. एक तरफ लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू किया गया, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर राहत दी गयी. वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन साथ ही आयकर पर लगने वाले सेस की दर को एक फीसदी बढ़ा दिया है.

2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर लगने वाला टैक्स आधा हो जायेगा. पहले 10 फीसदी कर लगता था, अब सिर्फ 5 फीसदी ही लगेगा. हालांकि, धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट 5000 से घटाकर 2,500 कर दी गयी है. यानी 3.5 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले करने वाले करदाताओं को कोई छूट नहीं मिलने वाली है.

50 लाख से एक करोड़ रुपये की आय वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगेगा. मौजूदा समय में एक करोड़ से अधिक की आय वालों पर लगने वाला 15 फीसदी का सरचार्ज वैसे ही लगता रहेगा.

टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक साधारण सा एक पेज का फॉर्म आयेगा. यह फॉर्म उन लोगों के लिए होगा जिनकी आय पांच लाख रुपये तक है.

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के तहत किये गये निवेश पर आकलन वर्ष 2018-19 में छूट नहीं मिलेगी.

अगर 50 लाख से अधिक की अघोषित आय का पता चलता है, तो वह उसके पिछले 10 सालों तक के टैक्स रिकॉर्ड को खंगाल सकती है. वर्तमान में सिर्फ छह साल तक की जांच संभव हैं. जो करदाता समय पर कर जमा नहीं करेंगे, उन्हें आकलन वर्ष 2018-19 से 10,000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी.

किसी प्रॉपर्टी को लॉन्ग टर्म गेन की तरह माने जाने की अवधि तीन साल से घटकर दो साल हो जायेगी. यानी अगर दो साल के अंदर कोई प्रॉपर्टी बिक जाती है, तो आप टैक्स में फायदा पा सकेंगे. इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जायेगा और उसी हिसाब से टैक्स लगेगा.

कोई व्यक्ति किराये पर दी गयी अपनी प्रॉपर्टी के होम लोन पर लगने वाले पूरे ब्याज को रेंट से हुई आय के साथ एडजस्ट कर सकते हैं, परंतु अब किराये से प्राप्त आय का सिर्फ दो लाख रुपये तक की राशि ही कर में समायोजित किया जा सकेगा.

नेशनल पेंशन स्कीम से एक हिस्सा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. लोग अपने अंशदान का 25 प्रतिशत तक की राशि तक सेवानिवृत होने से पहले निकाल सकेंगे.

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