नयी दिल्ली : नकदी संकट के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला तेज करते हुए विपक्ष ने रविवार को आरोप लगाया कि 2,000 का नोट जमाखोरों की मदद के लिए लाया गया था. वहीं बैंकों ने कहा है कि एटीएम में नकदी की स्थिति सुधरी है. एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रणाली में नकदी की कमी 70,000 करोड़ रुपये की है. यह राशि एटीएम से मासिक निकासी की एक तिहाई है.
अधिकारियों ने कहा कि नकदी की स्थिति तेजी से सुधर रही है. 2.2 लाख एटीएम में से 80 प्रतिशत सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं. एक दिन पहले ही सरकार ने स्वीकार किया था कि नकदी की मांग अचानक बढ़ी है. कई राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, बिहार और कर्नाटक में एटीएम में नकदी नहीं थी. वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. बैंकों से कहा गया है कि वे एटीएम में 500 रुपये का नोट डालें.
भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि पिछले 24 घंटे में उसके एटीएम में नकदी की स्थिति सुधरी है. वहीं कुछ अन्य बैंकों पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और एक्सिस बैंक का कहना है कि नकदी संकट कुछ चुनिंदा इलाकों तक सीमित है. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का भूत सरकार और रिजर्व बैंक को फिर सताने लगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि 2,000 के नोट सिर्फ जमाखोरों के लिए छापे गये हैं. उन्होंने कहा कि इस बात की भी संभावना है कि हालिया घोटालों के बाद लोगों का बैंकिंग प्रणाली को लेकर भरोसा घटा हो और वे अपना अतिरिक्त धन बैंक में जमा नहीं कर रहे हों.
क्या कहते हैं बैंक
तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने सरकर से नकदी संकट की सही वजह बताने को कहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार का इरादा 2,000 के नोट को बंद करने का है. इस बीच, एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रणाली में नकदी की कमी 70,000 करोड़ रुपये की है, जो एटीएम से निकाली जाने वाली मासिक राशि का एक तिहाई बैठता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत हो तो मार्च, 2018 तक जनता के पास मौजूद नकदी 19,400 अरब रुपये पर होगी, जबकि वास्तविक उपलब्धता 17,500 अरब रुपये की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन का आकार 1,200 अरब रुपये है, जो नवंबर, 2016 की नोटबंदी के तुरंत बाद के महीनों से काफी कम है. रिपोर्ट कहती है कि इस लिहाज से नकदी की कमी 70,000 करोड़ रुपये या कुछ कम हो सकती है. नोट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में डेबिट कार्ड के जरिये एटीएम से 15,291 अरब रुपये निकाले गये, जो इससे पिछली छमाही से 12.2 प्रतिशत अधिक है.
स्याही खत्म होने से नासिक छापाखाने में रुकी नोटों की छपाई
स्याही खत्म हो जाने के कारण यहां स्थित नोट मुद्रण कारखाने में 200 रुपये और 500 रुपये के नोटों की छपाई में रुकावट आ गयी है. एक श्रमिक नेता ने बुधवार को यह दावा किया. छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नोटों की छपाई में आयातित स्याही का इस्तेमाल होता है जो अभी उपलब्ध नहीं है. इसके कारण 200 रुपये और 500 रुपये के नोटों की छपाई रुक गयी है.’
उन्होंने कहा कि देश भर में नकदी की कमी की समस्या के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटों की छपाई कब से बंद है. यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब सरकार ने एक ही दिन पहले 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड़ रुपये के नये नोटों की आपूर्ति की जा सके.
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