वाशिंगटन : मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि रणनीतिक और रक्षा के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंध ‘बहुत अच्छे’ हैं, लेकिन मजबूत आर्थिक जुड़ाव के बगैर दोनों देश अपने संबंधों की पूर्ण क्षमता का दोहन नहीं कर सकते. भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में अपनी पारी की शुरूआत करने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले सुब्रमण्यम भारत-अमेरिका मुक्त व्यापार के सिलसिले में काम कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया.
भारतीय थिंक-टैंक सीयूटीएस इंटरनेशनल के वाशिंगटन चैप्टर के लांच पर सुब्रमण्यम ने कहा, ‘कुछ समय पहले तक मैं अमेरिका-भारत मुक्त व्यापार का सबसे बड़ा समर्थक था. लेकिन, हम सभी को अपने विचारों और आकांक्षाओं और अन्य बातों का पुन : निर्धारण करना होता है.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मैं अभी भी कहता हूं कि यह बेहद महत्वपूर्ण संबंध है, अमेरिका-भारत के संबंध सभी कारणों से महत्वपूर्ण हैं, जैसे… साझा मूल्य लोकतंत्र और अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका.’ मुख्य आर्थिक सलाहकार फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी में मौजूद हैं. वित्त मंत्री अरूण जेटली स्वास्थ्य कारणों से इन बैठकों में भाग नहीं ले सकें.
सुब्रमण्यम का कहना है कि भारत-अमेरिका संबंधों के कुछ आयाम जैसे रणनीति और रक्षा बहुत फल-फूल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मेरा मानना है कि लंबे समय में यदि आर्थिक संबंधों के कारण हमारा जुड़ाव मजबूत नहीं हुआ तो, यह हमेशा ऐसा संबंध रहेगा जिसकी पूर्ण क्षमता का कभी दोहन नहीं हुआ.’
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सभी को इस संबंध में लंबे समय तक बनाये रखने के विषय में सृजनात्मक तरीके से सोचना चाहिए. मेरे लिए फिलहाल कोई भी रचनात्मक विचार सोच पाना मुश्किल है.
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