IMF ने कहा, मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा भारत, आने लगे आर्थिक सुधार के परिणाम
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया गया और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिला तो भारत मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है. आईएमएफ में उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन ये यहां यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘अगर […]
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया गया और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिला तो भारत मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है. आईएमएफ में उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन ये यहां यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया जाता है और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिलता है तो भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत अर्थव्यवस्था बन सकती है.
आईएमएफ का कहना है कि भारत द्वारा लागू किये गये आर्थिक सुधारों का परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है. इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है. आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन ने कहा कि कई अड़चनों के बावजूद माल व सेवाकर (जीएसटी) को लागू किये जाने से लोक वित्त का आधार मजबूत तथा सुरक्षित करने में मदद मिलेगी.
यह पहले ही मेरे हिसाब से 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन जनसंख्या व वृद्धि दर के हिसाब से इसमें और अधिक संभावनाए हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत की वृद्धि का असर गरीबी में कमी के आंकड़ों में दिखेगा. उन्होंने कहा, ‘हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना है. ताकि बैंकिंग प्रणाली को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाये रखने तथा एनपीए की पुरानी समस्या से निपटने को लेकर कभी कोई संशय नहीं हो.’
लिप्टन ने कहा कि बैंकों की समस्याओं से निपटने के लिए हाल में उठाये गये कदम भी महत्वपूर्ण हैं. डिजिटल पहचान तकनीक और अन्य ढांचागत सुधार इत्यादि उल्लेखनीय कदम है जो समावेशी वृद्धि और भारत को एक आर्थिक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं. आईएमएफ और विश्वबैंक की ग्रीष्मकालीन बैठक के अवसर पर उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है लेकिन भारत ने अब तक जो कदम उठाये हैं उनका फायदा दिख रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘भारत के सुधारों का परिणाम अब सामने आ रहा है और इसे हम वृद्धि के रूप में देख सकते हैं. भारत की वृद्धि दर पिछले साल 6.7 फीसदी थी और अब हमारा अनुमान इस वित्त वर्ष में इसके 7.4 फीसदी रहने और उसके अगले साल 7.8 फीसदी रहने का है. यह एक स्वस्थ वृद्धि है और इतने बड़े देश के लिए बहुत मायने रखती है.’
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