नयी दिल्ली : देश में पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों से आम आदमी परेशान है. वहीं विपक्ष इसको मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का कोई भी मौका चूक नहीं रहा है. अप्रैल के पहले सप्ताह में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रसाद ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पेट्रोलियम कीमतों में कटौती करने का कोई भी निर्देश सरकार की ओर से पेट्रोलियम कंपनियों को नहीं दिया गया है. ऐसे में कीमतों पर पाबंदी लगाने की उम्मीदें कम हैं.
दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण भी डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि हो रही है. 21 अप्रैल को देश की राजधानी दिल्ली में डीजल की कीमत 65.35 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, शुक्रवार तक के रिकॉर्ड में डीजल कभी इतना महंगा नहीं बिका है. वहीं, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.12 रुपये प्रति लीटर है. इससे पहले इतना महंगा पेट्रोल सितंबर, 2013 में बिका था.
दूसरे महानगरों की बात करें तो मुंबई में 21 अप्रैल को पेट्रोल की कीमत 81.97 रुपये है. वहीं डीजल के भाव 69.58 रुपये हैं. महानगर चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 21 अप्रैल को 76.89 रुपये है. जबकि डीजल के भाव 68.94 रुपये हैं. वहीं कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 76.82 रुपये और डीजल के भाव 68.04 रुपये है.
सउदी अरब ने कहा कच्चे तेल की ऊंची कीमतों को वहन करने की क्षमता है दुनिया में
कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालेद अल फालेह ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतें वहन करने की क्षमता है. उनके इस बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए ओपेक देशों पर कीमतों को भड़काने का आरोप लगाया.
फालेह का बयान ऐसे समय आया है जब कच्चे तेल की कीमतें तीन वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. सउदी के मंत्री ने कहा कि ‘मैंने मौजूदा कीमतों का मांग पर कोई प्रभाव नहीं देखा है. हमने तेल के पहले भी इससे अधिक दाम देखे हैं, जो मौजूदा स्तर से लगभग दोगुना रहे हैं.’