आर्थिक मोर्चे पर भारत के एक साथ दो अच्छी खबरें आयी हैं. एक ओर सरकार ने विश्व बैंक की बैठक में इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि मात्र सात साल बाद यानी 2025 में भारत की जीडीपी पांच हजार अरब डॉलर की हो जाएगी, वहीं विश्व मुद्रा कोष ने कहा है कि सुधारों के बाद भारतीय हाथी दौड़ने को तैयार है. आइएमएफ के एक महत्वपूर्ण अधिकारी ने कहा है कि अगल दशक में चीन की तरह भारत भी वैश्विक वृद्धि की अगुवाई कर सकता है.
वर्ष 2025 तक 5000 अरब डॉलर की हो जाएगी देश की जीडीपी : गर्ग
वाशिंगटन: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने विश्वबैंक से कहा है कि भारत में पिछले कुछ सालों के आर्थिक सुधारों के परिणाम मिलने शुरू हो गये हैं और इससे देश तेजी से वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा तथा 2025 तक 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. गर्ग ने दक्षिण एशियाई देशों- भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के बारे में मोटी जानकारियां देते हुए कहा कि उस क्षेत्र में भारत वृद्धि का झंडाबरदार बना रहेगा. उन्होंने विश्वबैंक की विकास समिति की 97 वीं बैंठक में कल कहा, ‘‘ भारत विश्व की सबसे वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हमारा अनुमान है कि 2018 में भारत 7.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा. ‘
गर्ग ने कहा कि माल एवं सेवा कर ( जीएसटी ) जैसे बड़े सुधार और दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण तथा आधारभूत संरचना के लिए निवेश जैसी मुहिमों से आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा. उन्होंने पिछले चार साल के दौरान देश के औसतन 7.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ पिछले चार साल में अर्थव्यवस्था में पंजीकृत या औपचारिक क्षेत्र के विस्तावर तथा डिजिटल वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए देश में कई व्यापक संरचनात्मक सुधार किये गये हैं. ‘ गर्ग ने कहा, ‘‘ डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण, अनुकूल जनसांख्यिकी और संरचनात्मक सुधारों के दम पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) के 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर के बराबर तक पहुंच जाने का अनुमान है. ‘
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में गर्ग विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की सालाना ग्रीष्म बैठक में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
आर्थिक सुधारों के बाद भारतीय हाथी दौड़ने के लिए तैयार : आइएमएफ अधिकारी
वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वैश्विक निवेशकों के अनुसार सतत सुधारों के बाद हाथी (भारतीय अर्थव्यवस्था) दौड़ने के लिए तैयार है. हालांकि उन्होंने तेज वृद्धि के लिए इन सुधारों के क्रियान्वयन तथा बैंकिंग क्षेत्र के स्वस्थ बैलेंसशीट की जरूरत पर बल दिया. आइएमएफ के एशिया – प्रशांत विभाग के निदेशक चैंगयोंग री ने सुधारों के मामले में बेहतर कार्य के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा, वैश्विक निवेशक मुझे बता रहे हैं कि चार सालों के सतत सुधार के बाद हाथी अब दौड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि सुधारों के क्रियान्वयन पर जोर दिया जाना चाहिए. जिस तरह से पिछले दशक में चीन ने वैश्विक वृद्धि की अगुवाई की थी, भारत भी कर सकता है. आपके पास क्षमता है, आपके पास जनसंख्या है, आपके पास बाजार का बड़ा आकार है … सबकुछ है. क्रियान्वयन ही इसकी मुख्य कुंजी है.’
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